समिति प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि अभिभावक कोरोना महामारी से अत्यधिक प्रभावित हुआ है। अभिभावकों के ना व्यापार बचे ना रोजगार बचे, अभिभावक बेरोजगार घूम रहा है ठोकरे खा रहा है, अपनी पीड़ा को लेकर पहले स्कूल को गुहार लगाई, फिर सरकार को गुहार लगाई, लेकिन कोई अभिभावकों पर ध्यान देने और उनकी पीड़ाओं को समझने को तैयार नही है। सरकार की हठधर्मिता के चलते आज अभिभावकों को फीस जमा करवाने के लिए भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ गया। अगर सरकार अभिभावकों को राहत नहीं देती है तो अभिभावकों को प्रतिदिन भीख मांगकर स्कूलों के लिए पैसा इकठ्ठा करना पड़ेगा।
कोषाध्यक्ष संजय गोयल ने बताया कि बुधवार को समिति के प्रवक्ता ईशान शर्मा, अरविंद अग्रवाल, मनोज शर्मा, मनमोहन सिंह, अमृता सक्सेना, दौलत शर्मा, सर्वेश मिश्रा, चंद्रमोहन गुप्ता, हरिदत्त शर्मा, युवराज हसीजा, आशीष अग्रवाल, विकास अग्रवाल सहित 100 से अधिक अभिभावक जुटे और हाथों में मिट्टी का पयाला लेकर दुकान दर दुकान जाकर “दे दाता के नाम तुझको अल्ला रखे”, “सरकार सो रही है जनता रो रही है, ना सुन रही है ना स्कूल सुन रहे है”,” अभिभावकों को दे दो भीख स्कूल फीस जमा करवानी” जैसे नारों के साथ भीख मांगी।
प्रवक्ता अरविंद अग्रवाल ने आरोप लगाया कि अभिभावकों को एक मात्र उम्मीद राजस्थान हाईकोर्ट से लगी हुई थी लेकिन हाईकोर्ट ने अभिभावकों का पक्ष सुने बगैर अपना फैसला अभिभावकों पर लाद दिया।