पुलिस के अनुसार नवजात कन्या दो घंटे पहले ही पैदा हुई थी। नवजात को प्लास्टिक के कट्टे में लपेट कर सात-आठ फीट ऊंचे टीन शेड पर फेंका गया। गनीमत यह रही कि वहां काफी कचरा पडा हुआ था। जिससे बच्ची को कोई चोट नहीं आई। पुलिस ने बताया कि शुक्र है उस समय बारिश नहीं आ रही थी और कट़्टे का मुंह खुला हुआ था, जिससे बच्ची सांस चलती रही।
नाल भी नहीं कटी थी
दो घंटे पहले जन्मी चिकित्सकों के अनुसार नवजात का जन्म महज दो घंटे पहले हुआ था। शिशु की नाल नहीं कटी हुई थी। हॉस्पिटल में ही नाल काटी गई। बच्ची को एनआईसीयू में रखा गया है। अब वह स्वस्थ है।
दो घंटे पहले जन्मी चिकित्सकों के अनुसार नवजात का जन्म महज दो घंटे पहले हुआ था। शिशु की नाल नहीं कटी हुई थी। हॉस्पिटल में ही नाल काटी गई। बच्ची को एनआईसीयू में रखा गया है। अब वह स्वस्थ है।
बच्ची एनआइसीयू में शिफ्ट
जेके लोन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि जब बच्ची को यहां लाया गया था तब उसका बॉडी टेम्परेचर कम था और सांस लेने में दिक्कत थी। बच्ची को ओपन केयर सिस्टम में रखा गया। बॉडी का तापमान मेंटेंन होने के बाद सांस की दिक्कत भी कम हो गई। शुरुआत में एंटीबायोटिक दी गई। बच्ची को एनआइसीयू में शिफ्ट किया गया, ताकि सार-संभाल अच्छी हो सके। अभी बच्ची का दो किलो वजन है, जो कि सामान्य की तुलना में थोड़ा कम है। फिलहाल बच्ची पूर्ण स्वस्थ है।
जेके लोन हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि जब बच्ची को यहां लाया गया था तब उसका बॉडी टेम्परेचर कम था और सांस लेने में दिक्कत थी। बच्ची को ओपन केयर सिस्टम में रखा गया। बॉडी का तापमान मेंटेंन होने के बाद सांस की दिक्कत भी कम हो गई। शुरुआत में एंटीबायोटिक दी गई। बच्ची को एनआइसीयू में शिफ्ट किया गया, ताकि सार-संभाल अच्छी हो सके। अभी बच्ची का दो किलो वजन है, जो कि सामान्य की तुलना में थोड़ा कम है। फिलहाल बच्ची पूर्ण स्वस्थ है।
शिशुगृह में रखा जाएगा
शिशु गृह की अधीक्षक किरण पंवार का कहना है कि बच्ची को कस्टडी में ले लिया है। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के बाद शिशु गृह में ही बच्ची को रखा जाएगा।
शिशु गृह की अधीक्षक किरण पंवार का कहना है कि बच्ची को कस्टडी में ले लिया है। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज के बाद शिशु गृह में ही बच्ची को रखा जाएगा।