प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) के ‘परीक्षा पे चर्चा’ ( Pariksha Pe Charcha ) कार्यक्रम के दौरान हुए संवाद में राजस्थान की छात्रा प्रधानमंत्री से सवाल पूछने में पहले नंबर पर रहीं। प्रदेश के स्वामी विवेकानंद गवर्नमेंट मॉडल स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा यशश्री ( Rajasthan Student Yash Shree ) ने पीएम मोदी से पहला सवाल पूछा। छात्रा ने जानना चाहा कि बोर्ड एग्जाम का नाम सुनते ही उनका मूड खराब हो जाता है। छात्रा यशश्री ने प्रधानमंत्री से एग्जाम फियर से निकलने से टिप्स बताने को कहा।
इस पर पीएम मोदी ने कहा- मूड ऑफ अधिकतर ऐसा बाहर की परिस्थितियों की वजह से होता है। दूसरी ओर गलत सोचने की वजह से आपको मूड ऑफ होना लाजिमी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा- यदि आपने अपनी मां से 6 बजे चाय मांगी और उन्हें चाय लाने में देरी हुई तो आप मन में सोचेंगे कि आपकी मां को शायद आपकी परवाह नहीं है। उन्हें नहीं पता कि मेरी बोर्ड परीक्षा है। ऐसा सोच लेने से आपका मूड खराब हो सकता है। वहीं दूसरी ओर अगर आप सोच लें कि मां अभी किसी काम में व्यस्त होंगी, तो आपका मूड ऑफ नही होगा। उन्होंने कहा मूड ऑफ इसलिए होता है क्योंकि आपने अपेक्षा को अपने साथ जोड़ लिया है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को मोटिवेशन या डिमोटिवेशन से गुजरना पड़ता है।
पीएम मोदी ने बच्चों को जीवन में हार नहीं मानने को मंत्र देते हुए कहा कि हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि हमारे मन में जो भी नकारात्मक बाते आती हैं। वे अधिकतर बाहरी कारकों से जुड़ी होती हैं। बाहरी परिस्थिति ही बच्चों का मूड बिगाडऩे का सबसे बड़ा कारक है क्योंकि जब हम किसी के साथ अपनी अपेक्षाओं को अधिक जोड़ लेते हैं और वह पूरी नहीं होती है तो ‘मूड’ स्वाभाविक रूप से बिगड़ेगा ही लेकिन इस परिस्थिति से बाहर निकल कर इस पर विजय पाई जा सकती है।
‘जीवन में आगे बढ़ने के कई अवसर’ देश भर के दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के विद्यार्थियों को अकादमिक और सामाजिक क्षेत्र में संतुलन स्थापित करने की सलाह देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाना ही जीवन का पैमाना नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों के सवालों के जवाब में कहा कि सिर्फ अच्छे अंकों को जीवन में सफलता का पैमाना नहीं मानना चाहिए और जीवन में आगे बढऩे के अनेक अवसर हैं।
उन्होंने कहा,” कोई भी परीक्षा ज़िन्दगी नहीं होती है और यह मात्र एक पड़ाव है, यही सब कुछ नहीं है, अगर किसी बच्चे के अच्छे अंक नहीं आए तो यह मत समझिए कि दुनिया ही लुट गई है। आप जीवन के हर क्षेत्र में जा सकते हैं। अब दुनिया पूरी तरह बदल गई है और हर क्षेत्र में प्रयास किए जा सकते हैं।”