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अफसोस… उसे बचा नहीं पाए अस्पताल के बाहर खड़े रवि गुप्ता और योगेन्द्र सिंह दौड़कर चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे। वहां शहीदुल मिट्टी में दबा था। दोनों ने तुरंत मिट्टी हटाना शुरू किया। क्रेन की भी सहायता ली। रवि और योगेन्द्र ने कहा, अफसोस… उसे बचा नहीं पाए।
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अफसोस… उसे बचा नहीं पाए अस्पताल के बाहर खड़े रवि गुप्ता और योगेन्द्र सिंह दौड़कर चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे। वहां शहीदुल मिट्टी में दबा था। दोनों ने तुरंत मिट्टी हटाना शुरू किया। क्रेन की भी सहायता ली। रवि और योगेन्द्र ने कहा, अफसोस… उसे बचा नहीं पाए।
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बेसुध हुई पत्नी
अस्पताल से पति की मौत की खबर आई तो शहीदुल की पत्नी मोहिरम बेसुध हो गई। उसका रो-रोकर बुरा हाल है। साथ काम करने वाली महिलाएं उसे ढाढस बंधाती रहीं। मोहिरम की हालत देख हर कोई फफक पड़ा।
अस्पताल से पति की मौत की खबर आई तो शहीदुल की पत्नी मोहिरम बेसुध हो गई। उसका रो-रोकर बुरा हाल है। साथ काम करने वाली महिलाएं उसे ढाढस बंधाती रहीं। मोहिरम की हालत देख हर कोई फफक पड़ा।
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गम्भीर लापरवाही लोगों का कहना था कि अस्पताल में भूमिगत ‘स्मार्टÓ पार्किंग बनाने का काम चल रहा था लेकिन ढर्रा पुराना ही था। बीस फीट नीचे काम कर रहे मजदूरों के सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं थे। स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट ने जिस मेसर्स हरिनारायण खंडेलवाल को पार्किंग निर्माण का ठेका दिया, वह लापरवाही से निर्माण कार्य करवा रहा था। शाम को स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा भी किया।
गम्भीर लापरवाही लोगों का कहना था कि अस्पताल में भूमिगत ‘स्मार्टÓ पार्किंग बनाने का काम चल रहा था लेकिन ढर्रा पुराना ही था। बीस फीट नीचे काम कर रहे मजदूरों के सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं थे। स्मार्ट सिटी प्रोजक्ट ने जिस मेसर्स हरिनारायण खंडेलवाल को पार्किंग निर्माण का ठेका दिया, वह लापरवाही से निर्माण कार्य करवा रहा था। शाम को स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने घटना स्थल का दौरा भी किया।