अमूमन रेलवे स्टेशन पर गाडिय़ों केे आवागमन की जानकारी के लिए अनाउंसमेंट सिस्टम लगे होते हैं लेकिन यहां ऐसा नहीं है। स्टेशन पर आने वाली गाड़ी का अचानक प्लेटफार्म बदलाव किया होने या गाड़ी के लेट होने सहित महत्वपूर्ण जानकारियां स्टाफ यात्रियों को आवाज लगाकर बताते है। ऐसे में प्लेटफार्म बदलने में बुजुर्गों, महिलाओं को काफी दिक्कतें होती है; इसके अलावा यहां एक भी सीसीटीवी कैमरे भी नहीं है। ऐसे में सुरक्षा दृष्टि से कभी भी बड़ी चूक हो सकती हैं।
उमड़ी हैं भीड़
– स्टेशन से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी में रहने वाली आबादी मारवाड़ क्षेत्र से सबंधं रखती है। ऐसे में अलसुबह लगभग पांच बजकर दस मिनट पर सूरतगढ़ की ओर जाने वाली गाड़ी में बड़ी तादाद में यात्री जाते है। स्टेशन से हर महीने पांच हजार लोग मंथनी पास से यात्रा करते है। यहां प्रतिदिन फुलेरा, जोबनेर सहित ग्रामीण तबके के लोग रोजगार के लिए आते है। लोगों का कहना हैं कि यहां जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर जाने वाली सुपरफास्ट गाडिय़ों का ठहराव हो जाए तो राजस्व में इजाफे के साथ लोगों को परेशानियों से जूझना भी नहीं पड़ेगा।
यहीें खड़ी होती ट्रेनें
रेलवे स्टाफ ने बताया कि मु बई, अहमदाबाद, जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर से आने वाली ट्रेन को जब जयपुर जंक्शन पर जगह नहीं होती तो यहीं रोका जाता है। ऐसे में दिनभर में कई ट्रेन यहां रूकती ही है। इसके अलावा खिरणी फाटक से खातीपुरा पुलिया के बीच आए दिन चैन पोलिंग होती रहती हैं। ऐसे में कनकपुरा रेलवे स्टेशन पर गाडिय़ां रूकने लग जाए तो इससे भी राहत मिलेगी। वहीं स्टेशन मास्टर का कहना हैं कि स्टेशन के नजदीकी आबादी का जोधपुर,बीकानेर, जैसलमेर, अजमेर क्षेत्रों से जुड़ाव है। ऐसे में ट्रेनों की सं या में बढोत्तरी हो जाए तो लोगों को राहत के साथ-साथ रेलवे आमदनी में भी इजाफा होगा।