इसके अलावा आमजन में भी इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। केन्द्र के निर्देशों के अनुसार पशु-पक्षियों के खाएं गए फल, सब्जियां इत्यादि नहीं खाने के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन पर विशेष सावधानी बरतने के लिए कहा गया है। निपाह वायरस के कारण होने वाले अन्य रोगों की दक्षतापूर्ण जांच के लिए एक विशेष टीम को प्रशिक्षण के लिए पूना स्थित नेशनल वायरोलॉजी लैब में भेजा जाएगा।
यह करें तत्काल : – केरल से आने वालों लोगों में खांसी, जुकाम और बुखार के लक्षण प्रतीत होने पर ही तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा संस्थान से संपर्क करें। – राजस्थान में रहने वाले केरल निवासियों व कार्यरत केरल के नर्सिंग कर्मी इस संबंध में विशेष सावधानी बरतें।
– चिकित्सा विभाग के साथ ही निजी अस्पतालों और होटल व्यवसाय से जुड़े लोग भी सतर्क रहें। ग्लैंडर्स रोग के संबंध में सतर्क रहें: – अलवर और भरतपुर जिलों में घोडों में ग्लैंडर्स रोग को देखते हुए पशुपालन विभाग ( Animal Husbandry Department ) सतर्क रहकर विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों के माध्यम से इसके निदान के बारे में आवश्यक कार्यवाही करें।
– स्क्रब टाइफस की रोकथाम के लिए प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं का उपचार, पशु बाड़ों में कीटनाशक दवा का छिड़काव और पशुपालकों को जागरूक किया जाए।