सेवारत चिकित्सकों का कहना है कि मरीजों के हित में चिकित्सा व्यवस्थाएं ठप नहीं की जा सकती। लेकिन विरोध के तरीके पूरी तरह से लोकतांत्रिक होंगे जिससे मरीजों को परेशानी नहीं हो। एक दिन के सामूहिक अवकाश के बाद आज से फिर सुबह आउटडोर समय में आउटडोर अस्पताल के बाहर संचालित किया जाएगा। उधर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ लगातार दावा कर रहे हैं कि सेवारत चिकित्सकों की अधिकांश मांगे मान ली गई हैं और सेवारत चिकित्सक हठधर्मी पर उतर आए हैं और सरकार अब सेवारत चिकित्सकों के दवाब में आने वाली नहीं है।
आपको बता दें कि सेवारत डॉक्टर्स सात दिन की हड़ताल के बाद 12 नवंबर को सरकार के साथ हुए एमओयू की पालना नहीं होने से आक्रोशित हैं वहीं दूसरी तरफ राज्य कर्मचारियों ने सात सूत्री मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर जाने की चेतावनी सरकार को दी थी। सेवारत चिकित्सकों के छह दिन के अल्टीमेटम की समय सीमा गुरूवार शाम को खत्म हो गई। अल्टीमेटम के दौरान मांगे नहीं माने जाने से खफा सेवारत चिकित्सकों ने आंदोलन को उग्र रूप देते हुए प्रदेशभर सेवारत चिकित्सक एक दिन के सामूहिक अवकाश पर चले गए थे। इससे जिला अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई वहीं मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। मरीज इलाज की आस में आज सुबह आउटडोर समय में अस्पताल पहुंचे तो उनको एक ही जवाब मिला कि आज डॉक्टर छुट्टी पर हैं।