पत्रिका: प्रदेश में पहले चरण का मतदान कल होने जा रहा है। आपकी क्या रणनीति है?
जवाब: बूथ स्तर तक चुनावी रणनीति बनाई जा चुकी है। मुख्यालय में खोले गए वॉर रूम से बूथ स्तर तक रोजाना मॉनिटरिंग की जा रही है। बूथ एजेंट के साथ शक्ति केन्द्र भी बनाए गए हैं। हर बूथ पर 15 से 25 तक कोर्डिनेटर हैं। सभी 52 हजार बूथों की ईवीएम पर निगरानी रखी जाएगी। किसी भी बूथ से ईवीएम या अन्य कोई मतदान वाले दिन शिकायत मिलती है, तो 15 मिनट के अंदर वहां की स्थिति को संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर दुरुस्त कराया जाएगा। किसी भी कर्मचारी के पक्षपात या गड़बड़ी की शिकायत सामने आई तो आयोग में शिकायत तत्काल कर कार्रवाई कराई जाएगी। इस प्रकार वॉर रूम काम कर रहा है। मतदान वाले दिन 6 बजे ही सभी बूथ इंचार्ज पहुंचें और उनकी देखरेख में ही मशीन का ट्रायल हो। मतदान समाप्ति के बाद मशीन में पड़े वोटों की संख्या का सर्टिफिकेट लेने और मशीन के सील होने के बाद ही बूथ छोडऩे को लेकर तैयारी की गई है। इस सर्टिफिकेट से मतों का मतगणना वाले दिन मिलान किया जाएगा। फिर प्रचार सहित सभी व्यवस्थाओं पर निगरानी को लेकर वॉर रूम में सोशल मीडिया, एनालिटिकल, रिसर्च, लीगल एण्ड सीए, विज्ञापन एवं प्रकाशन, मीडिया, प्रोटोकॉल एण्ड मैनेजमेंट, कैम्पेन, कन्ट्रोल रूम, कोर्डिनेशन डिपार्टमेंट अपने हिसाब से काम में जुटे हैं। हर लोकसभा क्षेत्र में यह टीमें सभी 8 विधानसभा, 16 ब्लॉक से लेकर बूथ तक फीडबैक ले रही हैं।
पत्रिका: राज्य में अभी कांग्रेस की सरकार है। इसका लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिलेगा?
जवाब: सबसे बड़ी बात यह है कि देश में राहुल गांधी और राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की क्रेडेबिलिटी है। इनके प्रति लोगों में विश्वास और अस्था है। संगठन में युवा के रूप में उप मुख्यमंत्री की बड़ी ताकत सामने है। इन सभी के प्रति लोगों में विश्वसनीयता का भाव है। राज्य की सरकार ने दो दिन में किसानों का कर्जा माफ कर दिया। सौ दिन की कार्य योजना में इतने काम किए हैं कि जनता उन्हें भुला नहीं सकती।
पत्रिका: राजस्थान में कांग्रेस ज्यादा मजबूत कहां दिख रही है?
जवाब: हम 25 लोकसभा सीटों का संकल्प लेकर निकले हैं। इसमें हमें कहीं कोई परेशानी फिलहाल नहीं दिख रही है। लेकिन भाजपा दुष्प्रचार कर लोगों को मुद्दों से भटकाने और गुमराह करने का षड्यंत्र कर रही है।
पत्रिका: विधानसभा चुनाव के बाद आज के माहौल में कांग्रेस अपने आप को कहां देख रही है?
जवाब: विधानसभा चुनाव का आंशिक असर लोकसभा चुनाव में पड़ता है। पिछली भाजपा सरकार के प्रति लोगों में जो नाराजगी थी, उसका परिणाम राज्य विधानसभा चुनाव में देखने को मिला। ऐसे ही अभी केन्द्र की भाजपा सरकार से लोगों की नाराजगी है। इसका लोकसभा चुनाव में असर देखने को मिलेगा। पिछले लोकसभा चुनाव में जो देश की जनता से वादे किए, उन वादों पर खरे नहीं उतरे। जनता को सब याद है।
पत्रिका: राहुल गांधी लगातार रफाल विमान खरीद घाटाले को उठाते रहे हैं, क्या इसका असर दिख रहा है?
जवाब: रफाल सौदे में जबरदस्त घोटाला हुआ है। दुनिया और देश का यह सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। इसके बाद नोटबंदी एक और बड़ा घोटाला है। केन्द्र में जब कांग्रेस सरकार आएगी तो निश्चित रूप से इनकी जांच होगी। जनता आज इन मुद्दों पर चर्चा कर रही है। लेकिन पुलवामा सहित अन्य कुछ घटनाओं को लेकर भाजपा लोगों को मुद्दों से भटकाने में जुटी है।
पत्रिका: ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर लगातार बातें उठ रही हैं। क्या कांग्रेस मानती है कि चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी होगी?
जवाब: आज देश में जो ईवीएम मशीन उपयोग में आ रही है। यह 15 से 20 साल पुरानी टैक्नॉलॉजी है। जबकि इसमें आए दिन रोज नए-नए बदलाव आ रहे हैं। नई खोज चालू हैं। उसके चलते यह आउटडेटेड हो गई है। ऐसे में आज कुछ ही देश ईवीएम के आधार पर वोटिंग कर रहे हैं। उन्होंने क्यों बदलाव किया। क्योंकि इसमें जो कमियां थी, उसके आधार पर ईवीएम से चुनाव कराना बंद किया। कांग्रेस की मांग है कि ईवीएम से वोट देने की जो पर्ची निकलती है। उससे वोटों का सौ फीसदी मिलान किया जाए। कम से कम 50 फीसदी पर्चियों से तो वोटों का मिलान हो ही।
पत्रिका: भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार के मुकाबले कांग्रेस अपने प्रचार और विकास की बातों को कितना मजबूत मानती है?
जवाब: लोगों में अब जागरूकता आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूरे देश में दौरे कर अपनी बातों को सामने रखा है। अब प्रियंका गांधी भी भ्रमण कर रही हैं। राहुल ने जनता को कहा है कि आप जागरूक रहे हैं और महिमामंडन के प्रचार के झांसे में नहीं आएं। मीडिया का दुरुपयोग कर एक व्यक्तित्व को केन्द्र में रखकर आज का जो चुनाव हो रहा है। जब तक देश की जनता शिक्षित और जागरूक नहीं होगी, तब तक देश के लिए स्वच्छ और मजबूत सरकार की अपेक्षा नहीं कर सकते। लेकिन अब देश में बदलाव का माहौल अंडर करंट के रूप में देखने को मिल रहा है।