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जयपुर

बंशी पहाड़पुर सेंड स्टोन खनन के ई-आक्शन की राह प्रशस्त

केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ( Environment and Climate Change ) ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए ( mining of mineral ) वन भूमि ( forest land ) के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कर दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लाक ( mining block ) तैयार कर इनके आक्शन की राह प्रशस्त हो गई है।

जयपुरJun 14, 2021 / 09:17 pm

Narendra Singh Solanki

बंशी पहाड़पुर सेंड स्टोन खनन के ई-आक्शन की राह प्रशस्त

बंशी पहाड़पुर सेंड स्टोन खनन के ई-आक्शन की राह प्रशस्त

जयपुर। केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कर दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लाक तैयार कर इनके आक्शन की राह प्रशस्त हो गई है। इससे क्षेत्र में वैद्य खनन हो सकेगा, वहीं राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैद्य तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा।
एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अथक प्रयासों से पिछले दिनों मार्च में बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री गहलोत ने देश भर में बंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते हुए यहां हो रहे अवैद्य खनन को रोककर वैद्य खनन की अनुमति के लिए सभी संभावित प्रयास करने के निर्देश दिए और उसी का परिणाम है कि मार्च में केन्द्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर किया गया और अब वन भूमि के डायवर्जन के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है। बंशी पहाड़पुर के पत्थर की राम मंदिर निर्माण में भी मांग को देखते हुए यह राज्य सरकार के लिए संवेदनशील रहा है।
माइंस एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया द्वारा भी बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में वैद्य खनन के लिए किए जा रहे प्रयासों की निरंतर मोनेटरिंग की जा रही है। राज्य सरकार के प्रयासों से केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय द्वारा दो दिन पहले 11 जून को जारी आदेश में बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 398 हैक्टेयर क्षेत्र के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय अनुमति जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब विभाग द्वारा जल्दी ही इस क्षेत्र में डेलिमेनेशन का काम किया जाकर आक्शन हेतु ब्लाक तैयार किए जाएंगे और उन्हें ई-आक्शन के माध्यम से नीलाम किया जा सकेगा। एक मोटे अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 70 ब्लॉक विकसित होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा डेलिमेनेशन की तैयारी शुरु कर दी गई है और यह कार्यवाही इस माह के अंत तक पूरे करने का प्रयास किए जा रहे हैं ताकि भारत सरकार के ई-पोर्टल के माध्यम से पारदर्शी तरीके से जल्दी से जल्दी ई-ऑक्शन किया जा सके।
एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बंशी पहाड़पुर क्षेत्र में खनन पट्टे जारी होने से जहां एक और अवैद्य खनन पर प्रभारी रोक लग सकेगी, वहीं अवैद्य खनन के कारण आए दिन होने वाली अवैधानिक गतिविधियां और स्थानीय प्रशासन के सामने आए दिन आने वाली कानून व्यवस्था की समस्या का समाधान हो सकेगा। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में वैद्य खनन गतिविधियां आरंभ होने से हजारों की संख्या में स्थानीय व अन्य लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, वहीं खनिज उद्योग क्षेत्र में निवेश आएगा और खनिज उद्योगों की स्थापना हो सकेगी। उन्होंने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार बंशी पहाड़पुर में ई-आक्शन से खनन पट्टे जारी होने पर राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।

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