पीएम मोदी की ओर से संसद में एनसीपी की तारीफ पर भी पवार ने किसी समीकरण की बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वहां पीएम मोदी ने सिर्फ राज्यसभा के इतिहास की बात की और उसके कामकाज को लेकर ही चर्चा थी। उन्होंने कहा कि हम कभी संसद में चर्चा के दौरान वेल में नहीं जाते।
बैठक से पहले ही फेंकी थी गुगली
उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले ही शरद पवार ने यह कहकर सस्पेंस बढ़ा दिया था कि एनसीपी और कांग्रेस के अलावा भाजपा और शिवसेना ने साथ चुनाव लड़े थे, जिन्हें जनादेश मिला है। ऐसे में भाजपा व शिवसेना से ही पूछा जाना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं।
कांग्रेस और एनसीपी बैठक जल्द
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अब एक-दो दिन में कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं का प्रतिनिधि मंडल एक साथ बैठक करेगा और आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इस बीच एनडीए में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के नेता रामदास आठवले ने कहा, ‘मैंने संजय राउत से बात की और 3 साल भाजपा और 2 वर्ष शिवसेना के सीएम का फार्मूला पेश किया। उन्होंने दावा किया कि राउत ने कहा है कि यदि भाजपा इस पर राजी है तो हम सोचेंगे। मैं अब भाजपा से बात करूंगा।
पीएम ने की एनसीपी की तारीफ, सियासी मायने निकलने लगे
संसद में पीएम मोदी ने शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी की तारीफ कर चौंका दिया। उन्होंने कहा कि एनसीपी और बीजेडी ही दो ऐसी पार्टी हैं, जिन्होंने तय किया है कि वो सदन में सभापति के आसन (वेल) में नहीं जाएंगी। सभी दलों को इसमें मेरी पार्टी भी शामिल है, इनसे सीखना चाहिए। महाराष्ट्र में सरकार पर रार के बीच एनसीपी की पीएम द्वारा तारीफ के सियासी मायने निकलने लगे हैं।