नेहरू परिवार की महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में जमानत मिलने के बाद पायल ने बुधवार को यहां एक होटल में पत्रकारों से बात की। इसमें पायल ने कहा, मैं तो अभिव्यक्ति की आजादी के तहत बात कह रही थी। कांग्रेस के इशारे पर मुझे जेल भेजा गया। मामले में मैं तो पहले भी माफी मांग चुकी हूं और अब भी मांग रही हूं लेकिन इतना बड़ा अपराध नहीं किया कि पुलिस जेल में ही बंद कर दे। वह भी हत्या के जुर्म में सजा काट रहे पांच अपराधियों के साथ।
दूसरे वीडियो पर ध्यान क्यों नहीं पायल ने कहा कि मैंने वह वीडियो तब बनाया था, जब ट्रिपल तलाक संबंधी बिल पास होना था। कांग्रेस इस बिल का विरोध कर रही थी जबकि वह महिला हित की बातें करती है। तभी पता चला कि मेरे खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है। मैंने माफी का वीडियो भी अपलोड किया लेकिन उस पर किसी की नजर ही नहीं गई।
हार्डकोर अपराधी की तरह बर्ताव बूंदी. पायल ने बुधवार को बूंदी में पत्रकारों से बातचीत में कहा, पुलिस ने कांग्रेस सरकार के इशारे पर कार्रवाई की। हर सवाल का जवाब देने के बावजूद बूंदी पुलिस मुझे अहमदाबाद से पकड़ लाई। कोर्ट में पेश करने से पहले हार्डकोर अपराधियों की तरह रातभर कोटा के थाने में रखा। बाद में हत्या की आरोपी महिलाओं के साथ रहने पर मजबूर किया।