अब जल्द होंगे फैसले— कल रात को तीनों नेताओं की बैठक में मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर जल्द फैसले होने की बात सामने आई है। वेणुगोपाल और माकन ने सीएम गहलोत को एक फार्मूला भी दिया है जिसमें पायलट गुट के विधायकों को शामिल कर उन्हें मंत्री बनाने की बात है। इसके साथ ही पायलट समर्थित नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में समावेश भी किया जाना है। इन सब मुद्दों को लेकर तीनों नेताओं ने बातचीत की। वेणुगोपाल ने गहलोत को आलाकमान की इच्छा से भी अवगत कराया है।
पायलट कोटे पर विवाद — कांग्रेस में मंत्रिमण्डल विस्तार को लेकर सबसे बड़ी बाधा सचिन पायलट के कोटे को लेकर है। पायलट कम से कम 6 मंत्री बनाना चाहते है। इसमें तीन कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री बनाने की बात है। इसके साथ ही वे संसदीय सचिवों की नियुक्ति में भी अपने कुछ विधायकों को एडजस्ट कराना चाहते है। सीएम गहलोत इस बारे में पूरी तरह सहमत नहीं है। वे पायलट के दो या तीन मंत्रियों को शामिल करने के इच्छुक है। वहीं पायलट गुट का कहना है कि जब सरकार बनी थी तो पायलट समर्थित सात विधायकों को मंत्री बनाया गया था। इसमें से चार तो गहलोत खेमे में चले गए थे। पायलट ने ये भी तर्क दिया हैं कि उनके कोटे से बनाए गए मंत्रियों को भले ही सीएम हटा दें और नए मंत्री बना लें। गहलोत इस पर राजी नहीं है क्यों कि सरकार बचाने के समय इन मंत्रियों ने गहलोत का साथ दिया था।
नौ स्थान खाली और दावेदार 35 से ज्यादा— कांग्रेस में परेशानी ये भी है कि मंत्रिमण्डल में फिलहाल नौ ही स्थान रिक्त है। जबकि मंत्री पद चाहने वाले विधायकों की संख्या 35 से ज्यादा है। इनमें छह विधायक तो बसपा से कांग्रेस में आए विधायक और 13 निर्दलीय विधायक शामिल है। गहलोत बसपा के कम से कम दो और निर्दलीयों में से भी दो तीन विधायकों को मंत्री बनाना चाहते है। ऐसे में कांग्रेस के विधायकों के सामने ये दिक्कत हैं कि वे मंत्री कैसे बन पाएंगे। यदि गहलोत 10 मंत्रियों को हटा भी दें और पूरे तीस मंत्री भी बना दें तो 19 ही बन पाएंगे। बाकी विधायकों को संसदीय सचिव या बोर्ड निगम में चेयरमेन बनाकर संतुष्ट करने की कोशिश की जाएगी लेकिन कई विधायक इसके लिए राजी नहीं है।
पेगेसस जासूसी मामले को लेकर आंदोलन— कांग्रेस पार्टी पेगेसस जासूसी मामले को लेकर भी बड़ा आंदोलन करने की सोच रही है। इसके लिए देश व्यापी स्वरूप रखा जाएगा। कल सीएम गहलोत के साथ भी इस बारे में विचार हुआ था। दौरे को लेकर वेणुगोपाल और माकन दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट देंगे।