तीन-चार दिन बाद बीमा कम्पनी को उक्त सूचना दे दी गई। लेकिन तीन महीने बाद जब क्लेम की स्थिति के बारे में पूछा तो पता चला कि चोरी की सूचना एवं क्लेम फार्म को खो दिया है और दोबारा फार्म भरवाया। फिर तीन महीने बाद क्लेम यह कहते हुए खारिज कर दिया कि चोरी की सूचना देरी से दी गई। मंच ने बीमा कम्पनी को आदेश दिया है कि वह परिवादी को 1 लाख 21500 रुपए का भुगतान परिवाद प्रस्तुत किए जाने की तारीख से 9 प्रतिशत ब्याज दर से अदा करें। वहीं 10 हजार रुपए हर्जाने के रूप में भी देवें।