उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से 10 फरवरी, 2020 को राशि भेजी जा चुकी है, लेकिन कोषालय में रोक होने के कारण भुगतान में समय लग रहा है। सरकार का प्रयास है कि पालनहार योजना के तहत लाभार्थियों को ऑनलाइन प्रक्रिया होने के बाद एक माह के भीतर राशि का भुगतान कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि पालनहार योजना में कुछ सरलीकरण किया गया है। इस सरलीकरण के बाद अब विधवा महिलाओं को बार-बार प्रमाण पत्र देने की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए नवंबर-दिसंबर महीना तय किया गया है। इससे पहले विधायक ज्ञानचंद पारख के मूल प्रश्न के जवाब में मास्टर मेघवाल ने बताया कि पाली जिले में पालनहार योजना के तहत 4915 प्रकरणों में बजट अभाव में राशि नहीं दी गई है, जिसमें अन्य वर्ग के 3140, अनुसूचित जाति वर्ग
के 1375 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 400 प्रकरण शामिल हैं।
मंत्री ने कहा कि इन लंबित आवेदन पत्रों के भुगतान के लिए पाली को 10 फरवरी, 2020 को वर्ग अनुसार अतिरिक्त बजट आवंटन कर भुगतान किया जा रहा है। जिसमें अन्य मद में 298.54 लाख रुपए, अनुसूचित जाति मद में 70.63 लाख और अनुसूचित जनजाति मद में 24.98 लाख रुपए शामिल है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष बच्चों के अध्ययन प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद बजट उपलब्धता के आधार पर समय से भुगतान किया जाता है।