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जयपुर

सरकारी स्कूलों में चपरासियों के पद खाली, बच्चे परोस रहे मिड डे मील

प्रदेश शिक्षा विभाग का हाल, चपरासियों के 25 हजार में से 16 हजार पद खाली… जयपुर। हम सरकारी स्कूलों में गत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं को बर्तन साफ करते व कचरा निकालते देखा करते हैं। साथ ही छोटे बच्चों को अपने साथियों को मिड डे मील परोसने के नजारे भी आम हो गए हैं।

जयपुरDec 15, 2019 / 06:45 pm

Gaurav Mayank

सरकारी स्कूलों में चपरासियों के पद खाली, बच्चे परोस रहे मिड डे मील

सरकारी स्कूलों में चपरासियों के पद खाली, बच्चे परोस रहे मिड डे मील

जयपुर। हम सरकारी स्कूलों (govrnment school) में गत कई वर्षों से छात्र-छात्राओं को बर्तन साफ करते व कचरा निकालते देखा करते हैं। साथ ही छोटे बच्चों को अपने साथियों को मिड डे मील परोसने के नजारे भी आम हो गए हैं। इसलिए हो रहा है कि सरकारी स्कूलों में चपरासियों के 65 फीसदी पद खाली हैं। ये हाल शिक्षा विभाग के स्कूलों में पिछले दो दशक से है। इन हालातों में कक्षाओं की साफ-सफाई का कार्य भी बच्चों के भरोसे आ गया है। लेकिन सरकार की ओर से अभी तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की स्थाई भर्ती को लेकर कोई योजना नहीं बनाई गई हैं।
बिगड़ रही सरकारी स्कूलों की छवि
सरकारी स्कूलों में राज्य सरकार ने मिड डे मील व अन्नपूर्णा दूध जैसी योजनाएं शुरू कर रखी हैं। लेकिन बच्चों को ये पौष्टिक आहार परोसने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी नहीं है। इन हालातों में बच्चों से ही मेहनत कराई जाती है। कई जगहों पर तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के अभाव में शिक्षक तक उनके कार्यों में जुटे नजर आते हैं। इस कारण सरकारी स्कूलों की छवि भी खराब होती है।
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प्रदेश में 25 हजार में से 9 हजार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत

प्रदेश में 25 हजार 8 सौ 32 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद स्वीकृत हैं। इनमें से 9 हजार 95 पदों पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्यरत हैं। शिक्षा विभाग में 16 हजार 7 सौ 37 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद खाली पड़े है। पूरे प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के सेटअप में तो बहुत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बचे हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कम पड़ रहे हैं। कई जगहों पर तो अफसरों ने स्कूलों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हटाकर अपने कार्यालयों में लगा रखे हैं।
इधर, बाबूओं का भी टोटा

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ही विभाग आगे प्रमोशन देकर कनिष्ठ लिपिक बनाता है। शिक्षा विभाग में कनिष्ठ लिपिकों के 14 हजार 7 सौ 61 पद स्वीकृत हैं तो कार्यरत 7 हजार 5 सौ 98 है। वहीं कनिष्ठ लिपिक के 7 हजार 1 सौ 63 पद खाली हैं। वरिष्ठ लिपिक के 5 हजार 6 सौ 12 पद भरे हैं और खाली 11 सौ 52 हैं।

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