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जयपुर

लगातार चौथे दिन स्थिर रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

पेट्रोल और डीजल ( petrol and diesal ) के दाम शुक्रवार को लगातार चौथे दिन (Government oil companies) स्थिर रहे। जयपुर में पेट्रोल के दाम 87.57 रुपए एवं डीजल के दाम 81.32 रुपए प्रति लीटर (Crude oil price) पर पड़े रहे। इससे पहले जून में पेट्रोल 13 प्रतिशत और डीजल 16 प्रतिशत महगा (International oil market) हुआ था। देशभर में फैले कोरोना संकट के बीच पेट्रोल-डीजल के दामों में भी लगातार तेजी बनी हुई थी।

जयपुरJul 03, 2020 / 12:42 pm

Narendra Singh Solanki

लगातार चौथे दिन स्थिर रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

लगातार चौथे दिन स्थिर रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

जयपुर। पेट्रोल और डीजल के दाम शुक्रवार को लगातार चौथे दिन स्थिर रहे। जयपुर में पेट्रोल के दाम 87.57 रुपए एवं डीजल के दाम 81.32 रुपए प्रति लीटर पर पड़े रहे। इससे पहले जून में पेट्रोल 13 प्रतिशत और डीजल 16 प्रतिशत महगा हुआ था। देशभर में फैले कोरोना संकट के बीच पेट्रोल-डीजल के दामों में भी लगातार तेजी बनी हुई थी। आम आदमी की मुश्किलें हर दिन बढ़ती जा रही थी। सोमवार को जयपुर में पेट्रोल के दाम 06 पैसे चढ़कर 87.57 रुपए एवं डीजल 13 पैसे की तेजी के साथ 81.32 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गए थे। सात जून से सरकारी तेल कंपनियों ने ईंधन की कीमतों में किए जाने वाले रोजाना बदलाव को दोबारा शुरू कर दिया।
महानगरों का हाल
कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत क्रमश: 82.10 रुपए, 87.19 रुपए और 83.63 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर रही। डीजल के भाव भी कोलकाता में 75.64 रुपए, मुंबई में 78.83 रुपए और चेन्नई में 77.72 रुपए प्रति लीटर पर अपरिवर्तित रहे।
70 फीसदी हिस्सा एक्साइज ड्यूटी और वैट
पेट्रोल पंप कीमत का 70 फीसदी हिस्सा तो केवल एक्साइज ड्यूटी और वैट के रूप में है। यह विश्व में सबसे ज्यादा लगने वाला टैक्स है। महानगरों में पेट्रोल का औसत मूल्य ८४ रुपए प्रति लीटर है। बेस प्राइस 18 रुपए प्रति लीटर है, एक्साइज ड्यूटी करीब 33 रुपए है और वैल्यू ऐडड टैक्स 16 रुपए प्रति लीटर है।
85 फीसदी कच्चा तेल बाहर से आता है
भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की मांग भले ही तेजी से बढ़ी हों, लेकिन उत्पादन पर्याप्त नहीं है। ऐसे में हमें अपनी आवश्यकता का करीब 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करना पड़ता है।
तेल के खेल में सरकार का बड़ा हाथ
पिछली बार साल 2014 से 2016 के बीच कच्चे तेल के दाम तेजी से गिर रहे थे तो सरकार इसका फायदा आम लोगों को देने के बजाय एक्साइज ड्यूटी के रूप में अपनी आमदनी बढ़ाती रही। नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच केंद्र सरकार ने 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाया और केवल एक बार राहत दी। ऐसा करके साल 2014-15 और 2018-19 के बीच केंद्र सरकार ने तेल पर टैक्स के जरिए 10 लाख करोड़ रुपए कमाए। वहीं राज्य सरकारें भी इस बहती गंगा में हाथ धोने से नहीं चूकीं। पेट्रोल-डीजल पर वैट ने उन्हें मालामाल कर दिया। साल 2014-15 में जहां वैट के रूप में 1.3 लाख करोड़ रुपए मिले तो वहीं 2017-18 में यह बढ़कर 1.8 लाख करोड़ रुपए हो गया। इस बार जब कोरोनावायरस की वजह से कीमतें घटनी शुरू हुई तो केंद्र सरकार ने इस पर टैक्स बढ़ा दिया। इसी राह पर राज्य सरकारें भी चलीं और उन्होंने भी वैट बढ़ा दिया।
प्रति दिन छह बजे बदलती है कीमत
बता दें कि प्रति दिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में कीमत में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोडऩे के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, आपको आरएसपी और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।

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