इसकी पहली वजह तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें आम आदमी के बूते से बाहर जाना है और दूसरी अब लोग वाहनों का इस्तेमाल किफायत से करने लगे हैं जिससे कम से कम पेट्रोल और डीजल में काम चला सकें। इन स्थितियों में जयपुर शहर के 450 पंपों पर तो जयपुर शहर में ही ताला लगाने की नौबत आने वाली है। जयपुर शहर में पेट्रोल पंपों संचालकों का कहना था कि ऐसा नहीं है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ने से आम आदमी ही परेशान है इसका असर पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर भी आया है। 22 मार्च से पहले जहां जयपुर शहर में प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल की प्रतिदिन की बिक्री 4500 केएल थी वहीं अब वह 3690 केएल तक रह गई है।
पड़ोसी राज्यों से तस्करी शुरू
18 नवंबर 2021 को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाई। इसके बाद राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से तस्करी के जरिए आ रहे पेट्रोल और डीजल पर लगाम लगी। लेकिन जैसे ही कीमतें बढ़ना शुरू हुआ वैसे ही फिर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, हनुमानगढ़ व श्री गंगानगर समेत दस जिलों में तस्करी का पेट्रोल और डीजल आना शुरू हो गया।
18 नवंबर 2021 को तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाई। इसके बाद राजस्थान में पड़ोसी राज्यों से तस्करी के जरिए आ रहे पेट्रोल और डीजल पर लगाम लगी। लेकिन जैसे ही कीमतें बढ़ना शुरू हुआ वैसे ही फिर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, हनुमानगढ़ व श्री गंगानगर समेत दस जिलों में तस्करी का पेट्रोल और डीजल आना शुरू हो गया।
अब वाहन के इस्तेमाल में बरतने लगे किफायत
-लोगों ने दोपहिया और कार आदि का उपयोग जरूरत के हिसाब से करना शुरू किया। – इलेक्टि्क वाहनों का इस्तेमाल बढ़ा – लोग फोर-व्हीलर की जगह करने लगे टू-व्हीलर का ज्यादा प्रयोग
-लोगों ने दोपहिया और कार आदि का उपयोग जरूरत के हिसाब से करना शुरू किया। – इलेक्टि्क वाहनों का इस्तेमाल बढ़ा – लोग फोर-व्हीलर की जगह करने लगे टू-व्हीलर का ज्यादा प्रयोग
– छोटे-छोटे- कामों के लिए साइकिल का उपयोग भी बढ़ाया यह है स्थिति
22 मार्च से पहले राज्य में पूरे राज्य में 22500 किलोलीटर पेट्रोल और डीजल की प्रतिदिन खपत होती थी जो अब सात दिन में घट कर 1800 किलोलीटर तक पहुंच गई है। कीमतों में वृद्धि के बाद सीमावर्ती जिलों से पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। तेल कंपनियों ने प्राइवेट पंपों को पेट्रोल-डीजल देना बंद कर दिया है। इससे प्रतिदिन चार हजार लीटर की सेल घट गई है।
22 मार्च से पहले राज्य में पूरे राज्य में 22500 किलोलीटर पेट्रोल और डीजल की प्रतिदिन खपत होती थी जो अब सात दिन में घट कर 1800 किलोलीटर तक पहुंच गई है। कीमतों में वृद्धि के बाद सीमावर्ती जिलों से पेट्रोल पंप बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। तेल कंपनियों ने प्राइवेट पंपों को पेट्रोल-डीजल देना बंद कर दिया है। इससे प्रतिदिन चार हजार लीटर की सेल घट गई है।
पंप संचालन हो रहा मुश्किल
जयपुर शहर में पेट्रोल पंप संचालन सुभाष पूनिया ने बताया कि जहां सप्ताह भर पहले प्रतिदिन पंप पर 16 हजार लीटर पेट्रोल डीजल की बिक्री होती थी वहीं अब वह घट कर 12 हजार लीटर रह गई है। कीमते अभी और भी बढ़ेंगी और ऐसे में पंप का संचालन मुश्किल होता जा रहा है।
जयपुर शहर में पेट्रोल पंप संचालन सुभाष पूनिया ने बताया कि जहां सप्ताह भर पहले प्रतिदिन पंप पर 16 हजार लीटर पेट्रोल डीजल की बिक्री होती थी वहीं अब वह घट कर 12 हजार लीटर रह गई है। कीमते अभी और भी बढ़ेंगी और ऐसे में पंप का संचालन मुश्किल होता जा रहा है।
सीमावर्ती जिलों में पेट्रोल पंप पहले ही बंद होने की स्थिति में आ गए हैं। लेकिन अब यही हाल जयपुर में होने लगा है। लोगों ने किफायत शुरू कर दी और कीमतें बढ़ने से बिक्री लगातार कम हो रही है।
कार्तिकेय गौड़, महासचिव फैडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स
कार्तिकेय गौड़, महासचिव फैडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स