जयपुर

फर्जीवाड़ा करने वाली फर्म से होगी 20 लाख रुपए की रिकवरी

बगरू व सांगानेर के पवालिया में पाइप लाइन बिछाने में हुआ था फर्जीवाड़ाएक्सईएन जिलावृत्त ने जांच कर रिपोर्ट आलाधिकारियों को भेजीएक्सईएन को किया एपीओ लेकिन भुगतान करने वाले अन्य जलदाय इंजीनियरों के खिलाफ विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई

जयपुरDec 04, 2019 / 11:36 am

anand yadav

PHED

जयपुर। जलदाय विभाग के ग्रामीण खंड प्रथम में करोड़ों रुपए के पेयजल स्कीम कार्यों में हुए फर्जीवाड़े की पोल खोलने वाले एक्सईएन को विभाग ने बीते मंगलवार को एपीओ कर दिया है। जबकि सांगानेर के पंवालिया और बगरू में ठेका फर्म द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की पुष्टि के बावजूद विभाग ने फर्जी भुगतान करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। हालांकि एपीओ आदेश मिलने से पहले एक्सईएन जिला खंड प्रथम ने ठेका फर्म से फर्जी तरीके से विभाग से उठाए भुगतान की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए हैं।
यह है मामला
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने सबसे पहले चाकसू के काठावाला, संगानेर के पंवालिया और बगरू में पेयजल स्कीमों में ठेका फर्म मैसर्स खोखर एंटरप्राइजेज और मैसर्स दिनेश कंस्ट्रक्शन द्वारा बिना पाइप लाइन बिछाए ही लाखों रुपए राशि का भुगतान फर्जी तरीके से उठाने का मामला क्रमवार उजागर किया था। खबरें प्रकाशित होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया और आनन फानन में आलाधिकारियों ने ठेका फर्म की पत्रावलियां और अन्य रिकॉर्ड खंगालना शुरू कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ ठेका फर्म का घोटाला उजागर करने वाले एक्सईएन खंड प्रथम जितेंद्र शर्मा आला अफसरों की आंख में खटकने लगे जबकि घोटाले में शामिल अन्य जलदाय इंजीनियरों से आला अफसरों ने अब तक भी जवाब तलब नहीं किया।
एक्सईएन ने निकाले रिकवरी आदेश
सांगानेर के पंवालिया और बगरू में बिना पाइप लाइन बिछाए ही विभाग से भुगतान उठाने वाली ठेका फर्म से करीब 20 लाख रुपए रिकवरी करने के आदेश एक्सईएन जितेंद्र शर्मा ने जारी कर दिए हैं। हालांकि ठेका फर्म ने चाकसू के काठावाला में डीआई पाइप लाइन बिछाने का काम मामला उजागर होने के बाद किया है।
आखिर कौन दे रहा है विभाग में भ्रष्टाचार करने वालों को संरक्षण
एक्सईएन जिला खंड प्रथम जितेंद्र शर्मा कोे भले ही एपीओ कर दिया गया है लेकिन दूसरी तरफ विभाग में हुए भ्रष्टाचार में लिप्त अन्य जलदाय इंजीनियरों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं होना विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। फर्जी तरीके से बिना काम किए ही ठेका फर्म को भुगतान कराने वाले इंजीनियरों को आखिर कौन संरक्षण दे रहा है यह बड़ा सवाल है।
जेईएन को भी चार्जशीट
सांगानेर जेईएन मेघा सैनी ने बिना विभाग से आंवटन कराए सरकारी क्वार्टर पर करीब एक साल तक कब्जा जमाए रखा। वहीं हाउस रैंट का भुगतान भी जेईएन ने विभाग को नहीं किया । ऐसे में एक्सईएन जितेंद्र शर्मा ने जेईएन के खिलाफ मिली शिकायत जांच में सही पाए जाने पर चार्जशीट थमाई है।

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