पायलट ने भाजपा नेताओं के बयान पर पलटवार किया है। अपने आवास पर जनसुनवाई के बाद पायलट ने कहा कि भाजपा के हमारे साथी जो टिप्पणियां कर रहे हैं, उन्हें अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। भाजपा छह-आठ खंडो में बंट गई हैं, जिसकी वजह से वह कारगर विपक्ष की भूमिका निभानें लायक नहीं रह गई है। भाजपा अपनी उलझनों में फंसी हुई है।
पायलट को इस नसीहत की जरूरत पायलट के इस बयान पर पूनियां ने पलटवार करते हुए कहा कि ये नसीहत तो पायलट को लेनी चाहिए। कोटा में उन्होंने जो बयान दिया, किसी भी सत्ताधारी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष के नाते ऐसा बयान नहीं दिया जाता है। उन्होंने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। उन्हें भाजपा की चिंता नहीं करनी चाहिए। अपनी पार्टी और राजस्थान की चिंता करनी चाहिए।
यूं बढ़ी बयानबाजी कोटा में बच्चों की मौत के मामले में सचिन पायलट ने कहा था कि मैं आहत हूं। बच्चों की मौत के मामले में जो हम लोगों का रेस्पॉन्स रहा हैं, किसी हद तक संतोषजनक भी नहीं हैं। हम आंकड़ों के जाल में चर्चा को ले जाएं, ये उन लोगों को स्वीकार्य नहीं है, जिनके बच्चों की मौत हुई है। जवाबदेही तय होनी चाहिए। पायलट के बयान पर स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने पलटवार किया था और कहा कि सभी विभागों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। यही लिखित आदेशों तक दोनों के बीच जंग पहुंच गई। पायलट के इस बयान का उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी पायलट का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि वाकई कोटा मामले में जवाबदेही तय हो जाती तो शायद इतना मामला नहीं बिगड़ता। वही सतीश पूनियां ने भी कहा था कि पायलट देर से आए मगर दुरुस्त आए।