ज्योतिषाचार्य सुरेश शास्त्री ने बताया कि इस बार 16 दिन का श्राद्ध पक्ष रहेगा। श्राद्ध पक्ष बढना जनता के लिए शुभ नहीं होता है, अशांति का माहौल रहता है। इसके लिए पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन विशेष तर्पण करना, गीता के 18वें अध्याय का पाठ के अलावा विष्णु सहस्रनाम और गजेन्द्र मोक्ष के पाठ करने चाहिए, इससे सुखशांति रहेगी, इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा ने बताया कि श्राद्ध का निर्णय करते समय तिथि का अपराह्न व्यापिनी होना धर्मशास्त्रों ने आवश्यक बताया है। अपराह्न काल दोपहर 1.38 बजे से शाम 4.05 बजे तक रहता है। ऐसे मेंयदि उस समय कोई तिथि रहती है तो उसी समय श्राद्ध करने का विधान बताया गया है। इस वर्ष श्राद्ध पक्ष 16 दिनों तक चलेगा, 17 सितंबर शनिवार को कोई श्राद्ध नहीं होगा।
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कब किस तिथि का श्राद्ध
दिन – श्राद्ध
10 सितम्बर – प्रतिपदा का श्राद्ध
11 सितम्बर – द्वितीया का श्राद्ध
12 सितम्बर – तृतीया का श्राद्ध
13 सितम्बर – चतुर्थी का श्राद्ध
14 सितम्बर – पंचमी का श्राद्ध, भरणी नक्षत्र का श्राद्ध
15 सितम्बर – षष्ठी का श्राद्ध, कृतिका नक्षत्र का श्राद्ध
16 सितम्बर – सप्तमी का श्राद्ध
17 सितम्बर – इस दिन कोई श्राद्ध नहीं है
18 सितम्बर – अष्टमी का श्राद्ध
19 सितम्बर – नवमी का श्राद्ध, सौभाग्यवती श्राद्ध
20 सितम्बर – दशमी का श्राद्ध
21 सितम्बर – एकादशी का श्राद्ध
22 सितम्बर – द्वादशी का श्राद्ध, संन्यासियों का श्राद्ध
23 सितम्बर – त्रयोदशी का श्राद्ध, मघा नक्षत्र का श्राद्ध
24 सितम्बर – चतुर्दशी का श्राद्ध, विष-शस्त्रादि से मृतकों का श्राद्ध
25 सितम्बर – अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपिृत श्राद्ध