दीयाकुमारी ने कांग्रेस की सस्ती लोकप्रियता वाली राजनीति पर तंज कसते हुए कहा की सफलता के लिए श्रम करना पड़ता है, अखबारी बयान और सरकारी मशीनरी का उपयोग करके न उपचुनाव जीते जा सकते हैं न चिकित्सालय में एलपीएम लगवा सकते हैं। ये एक तरफ केंद्र की स्वीकृति पर खुद की अनुशंसा का दावा करते हैं तो दूसरी तरफ केंद्र की योजनाओं का विरोध भी करते हैं। दीयाकुमारी ने कहा कि बुधवार रात्रि तक जिले में 303 ऑक्सीजन बेड और 109 सामान्य बेड खाली पड़े थे, फिर भी कोरोना पेशेंट को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। आखिर ऐसे क्या कारण है जो रोगियों को आगे रेफर किया जा रहा है। प्रशासन को ऑक्सीजन की वितरण प्रणाली को पुख्ता करना चाहिए ताकि गम्भीर रोगियों को समय पर ऑक्सीजन उपलब्ध करवाकर उनकी जान बचाई जा सके।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नाथद्वारा चिकित्सालय में पीएम केयर फंड से 1 मिनट में 1000 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता का प्लांट एलपीएम लगाया जाएगा। देशभर में ऐसे 581 प्लांट लगाए जाएंगे। जिसकी नोडल एजेंसी एनएचआई को बनाया गया है। साथ ही राजस्थान के 8 जिलों के 12 चिकित्सालयों में ऐसे प्लांट लगाएं जाएंगे। ये सभी प्लांट 7 से 10 दिन के भीतर स्थापित करके प्रारम्भ कर दिए जाएंगे। इन प्लांट के स्थापित होने से ऑक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति को गति मिल पाएगी। इस स्वीकृति पर कांग्रेस द्वारा की जा रही बयानबाजी पर सांसद दीयाकुमारी ने कांग्रेस को आइना दिखाया है।