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जयपुर

कविता-सपना

Hindi Poem

जयपुरOct 03, 2021 / 07:50 pm

Chand Sheikh

कविता-सपना

कविता-सपना

मेघांशी राठोड़

अल्प है आयु मेरी
मैं एक क्षणभंगुर सा एहसास हूं
मैं सबसे बलशाली,
मैं सर्वशाक्तिमान हूं,
तुम्हारी सोच से परे,
मैं तुमसे ज्यादा सोच जाता हूं
तुम सोचते हो बारे में जिसके,
तुम्हें उससे जोड़ जाता हूं।
तुम्हें कल्पनाओं से निकालकर,
जीवन्त बना जाता हूं
अपूर्व सी इच्छाओं को,
मैं सच बना जाता हूं
शायद जो मुमकिन नहीं
मैं वो भी दिखा जाता हूं
पल भर में सब कुछ खत्म करके,
जहां थे वहीं ले जाता हूं

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