परिवादी की अधिवक्ता नीलम चौहान ने अदालत को बताया कि थाने में ड्यूटी ऑफिसर एएसआई सत्यनारायण ने पीडि़तों के साथ बेल्टों, पट्टों एवं डंडों से मारपीट की। उनके पुत्र को हवालात में बंद कर दिया। एसएचओ ने भी दुव्र्यवहार किया। परिवादी की पुत्री बेहोश हो गई। इलाज नहीं कराया। बाद में एक निजी अस्पताल में पुत्री 24 घण्टे आइसीयू में भर्ती रही। परिवादी के दोनों पुत्रों को शांति भंग में गिरफ्तार कर लिया। पीडि़त से पुलिस वालों ने अनेक खाली कागजों पर भी हस्ताक्षर करवा लिए।