पुलिस की पूछताछ में सामने आया की तीनों युवक 12 मार्च को रोमानिया के लिए निकलने वाले थे और 50 लाख रुपए की ठगी की राशि को बिटकॉइन में बदलने की योजना बना चुके थे। ठगी के पैसों को बिटकॉइन में बदलवाने का उद्देश्य यह था की वह इतनी बड़ी रकम के साथ कहीं पकड़े न जाए और पैसा सुरक्षित रोमानिया पहुंच जाए। युवकों के खिलाफ जयपुर में ठगी के 17 प्रकरण दर्ज हैं।
ऐसे करते थे ठगी आरोपित एटीएम को चिन्हित करते थे । सुबह ए.टी.एम. उपयोग में लेने वालों की संख्या कम होती है। ऐसे में अलसुबह एटीएम मशीन पर जहां पर कार्ड स्वाइप किया जाता है, वहां पर एक चिप लगा देते थे। साथ ही जहां पर पासवर्ड को लिया जाता है, उस स्थान के ऊपर माइक्रो कैमरे को फिट करते थे।
जब कोई एटीएम को स्वाइप करता था तो चिप उसे पढ़ लेती थी। उस कार्ड की सारी जानकारी उस चिप में चली जाती थी। जब रुपए निकालने के लिए पासवर्ड डाला जाता था तो पासवर्ड वाले स्थान के ऊपर लगा हुए कैमरे से ठग कार्ड का पासवर्ड प्राप्त कर लेते थे। बाद में कार्ड का क्लोन बना कर ठगी की जाती थी। ठग बाद में एटीएम से रुपए निकाल लेते थे। ठग चिप व कैमरे को बैट्री से चलाते थे।
6 देशों में साइबर ठगी का अपराध कबूला आरोपियों ने भारत समेत 6 देशों में एटीएम क्लोनिंग के जरिए पैसे निकालने की वारदात पुलिस को कबूली है। आरोपी युवकों को थोड़ी बहुत अंग्रेजी भाषा आती है। इसमें उन्होंने बार-बार बयान बदल दिए है। युवकों को रोमानिया भाषा ही आती है, पुलिस को रोमन भाषा जानने वाला अभी तक मिला नहीं है। पुलिस ने रोमानिया पुलिस से सम्पर्क भी किया है और तीनों युवकों की जानकारी मांगी है।
जयपुर में 88 लोगों से ठगी आरोपियों ने जयपुर में ही 88 लोगों के साथ ठगी का मामला दर्ज है। आरोपी विदेशी युवकों ने जयपुर के अलग-अलग जगह से एटीएम क्लोनिंग के जरिए 27 लाख रुपए निकाल लिए थे। इस मामले में उनके खिलाफ कई थानों में 17 मामले दर्ज है। एक थाने से जमानत होने पर उन्हें दूसरे थाने में बंद कर दिया जाएगा।