एएसआई का कारनामा, फर्द रिपोर्ट तक बदल दी
पीडि़त का वाहन चन्दवाजी के पास 20 अक्टूबर 2016 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसके बाद मामले की जांच थाने के तत्कालीन एएसआई शीशराम कर रहे थे। शीशराम ने झोटवाड़ा वर्कशॉप से गाड़ी को लाकर चंदवाजी थाने में खड़ा किया था जिसकी फर्द जप्ती रिपोर्ट 26 नवम्बर 2016 को बनाई थी। लेकिन थाने में जब पीडि़त अपनी गाड़ी से सामान चोरी मिला और इस संबध में मुकदमा दर्ज हुआ तो जांच अधिकारी ने बचने के लिए जप्ती की फर्द रिपोर्ट को बदल दिया और ३० नवम्बर 2016 में ओवरराइटिंग कर नई फर्द बदल दी।
नहीं हो रही कार्रवाई
पीडि़त ने इस संबंध में संपर्क पोर्टल, जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, वृताधिकारी पुलिस उपअधीक्षक जमावरामगढ़ तक को अपनी शिकायत दी लेकिन मामले को करीब एक साल होने के बाद भी पीडि़त को न्याय नहीं मिल पाया है। जांच अधिकारी मामले में पुलिसकमियों पर आंच ना आ जाए इस चक्कर में मामले को टाल रही है। मामले में दो जांच अधिकारी बदल गए है लेकिन जांच पूरी नहीं हो पाई है।
कैसे मिलेगा राकेश
थानाधिकारी अमीर हसन ने संपर्क पोर्टल पर पेश की पत्रावली में कहा कि एएसआई व वर्कशॉप मैनेजर ने बताया है कि कंपनी का चालक राकेश वाहन से सामान चोर ले गया। जो वर्तमान में कंपनी से काम छोडकर अपने गांव गुजरात चला गया है। लेकिन चालक राकेश का पूर्ण नाम व पता उपलब्ध नही हो रहा है। एेसे में राकेश सेअनुसंधान होने पर ही स्पष्ट हो पाएगा कि चालक राकेश द्वारा किसकी सहमति से जप्तशुदा वाहन का पार्टस खोला गया है। अब सवाल यह है जिसका नाम पता ही नहीं है वह राकेश पुलिस को कैसे मिलेगा। एेसे में पुलिस ने पुलिसकर्मी पर ही आरोप होने से उन्हें बचाने के लिए राकेश को काल्पिनक पात्र सा बना दिया है।
पीडि़त का वाहन चन्दवाजी के पास 20 अक्टूबर 2016 दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसके बाद मामले की जांच थाने के तत्कालीन एएसआई शीशराम कर रहे थे। शीशराम ने झोटवाड़ा वर्कशॉप से गाड़ी को लाकर चंदवाजी थाने में खड़ा किया था जिसकी फर्द जप्ती रिपोर्ट 26 नवम्बर 2016 को बनाई थी। लेकिन थाने में जब पीडि़त अपनी गाड़ी से सामान चोरी मिला और इस संबध में मुकदमा दर्ज हुआ तो जांच अधिकारी ने बचने के लिए जप्ती की फर्द रिपोर्ट को बदल दिया और ३० नवम्बर 2016 में ओवरराइटिंग कर नई फर्द बदल दी।
नहीं हो रही कार्रवाई
पीडि़त ने इस संबंध में संपर्क पोर्टल, जिला पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, वृताधिकारी पुलिस उपअधीक्षक जमावरामगढ़ तक को अपनी शिकायत दी लेकिन मामले को करीब एक साल होने के बाद भी पीडि़त को न्याय नहीं मिल पाया है। जांच अधिकारी मामले में पुलिसकमियों पर आंच ना आ जाए इस चक्कर में मामले को टाल रही है। मामले में दो जांच अधिकारी बदल गए है लेकिन जांच पूरी नहीं हो पाई है।
कैसे मिलेगा राकेश
थानाधिकारी अमीर हसन ने संपर्क पोर्टल पर पेश की पत्रावली में कहा कि एएसआई व वर्कशॉप मैनेजर ने बताया है कि कंपनी का चालक राकेश वाहन से सामान चोर ले गया। जो वर्तमान में कंपनी से काम छोडकर अपने गांव गुजरात चला गया है। लेकिन चालक राकेश का पूर्ण नाम व पता उपलब्ध नही हो रहा है। एेसे में राकेश सेअनुसंधान होने पर ही स्पष्ट हो पाएगा कि चालक राकेश द्वारा किसकी सहमति से जप्तशुदा वाहन का पार्टस खोला गया है। अब सवाल यह है जिसका नाम पता ही नहीं है वह राकेश पुलिस को कैसे मिलेगा। एेसे में पुलिस ने पुलिसकर्मी पर ही आरोप होने से उन्हें बचाने के लिए राकेश को काल्पिनक पात्र सा बना दिया है।