दरअसल नाटक ‘ईदगाह की जिन्नात’ में कश्मीर में पत्थरबाजों को लेकर उपजे हालातों पर लिखा गया है। सोमवार को इसकी प्रस्तुति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। दर्शकों ने आरोप लगाया था कि कश्मीर के पत्थरबाजों और आतंकी बनने वाले युवाओं का मानवीय पक्ष उजागर करने के चक्कर में देश और सेना के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
नाटक के दौरान आक्रोशित कई दर्शक नाटक के बीच में ही बाहर निकल गए और गुस्सा जताया। जन समस्या निवारण मंच के प्रदेशाध्यक्ष सूरज सोनी ने कहा कि नाटक में इस्तेमाल किए गए शब्द आपत्तिजनक थे। कश्मीरी बच्चों को सही मार्ग पर चलने का संदेश देना ठीक है लेकिन इसके चक्कर में देश और सेना को गलत नहीं ठहराया जा सकता। नाटक एकतरफा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।