हाईटेक हेलमेट ( High Tech Helmet ) की उपयोग करीब तीन साल पहले शुरू हुआ था। उस वक्त पीएचक्यू ने आइजी, डीआइजी व एसपी को उपलब्ध करवाए थे। धीमी गति से हेलमेट का आवंटन होता रहा। कमिश्नरेट में डेढ़ साल पहले एसीपी को दिए गए थे, इसकी उपयोगिता बढ़ी तो थानाधिकारियों को दिए गए। एक महीने पहले जयपुर कमिश्नरेट को 44 हेलमेट मिले थे। अब कमिश्नरेट के थानाधिकारियों व इनसे ऊपर के सभी अधिकारियों को हेलमेट मिल चुके हैं। अब रिजर्व पुलिस के निरीक्षकों एवं अन्य स्टाफ को भी उपलब्ध करवाए जाएं।
हेलमेट में वीडियो और ऑडियो की रिकर्ॉिर्डंग का सिस्टम है। इसमें एक बटन ऐसा भी है, जिससे कैमरे का डायरेक्शन बदला जा सकता है। हेलमेट पर बिल्कुल सामने कैमरा लगा है, जिसे देख पाना आसान नहीं है। लेकिन कैमरा आपकी हर हरकत को कैद कर लेता है। इस कैमरे को पुलिसकर्मी अपने मोबाइल से भी कनेक्ट कर लेते हैं और वीडियो स्टोरेज हो जाता है।
ढाई महीने पहले दिल्ली रोड पर हुए उपद्रव के दौरान कई पुलिस अधिकारियों ने हेलमेट पहन रखा था। घटना के दो महीने बाद गलता गेट पुलिस ने एक उपद्रवी को गिरफ्तार किया, क्योंकि उसकी हरकतें इस कैमरे में कैद हो गई थी। अन्य कई उपद्रवियों की भी पहचान की जा रही है।
राजधानी में पिछले कुछ महीनों में उपद्रव की घटनाएं हुई हैं। पथराव में कई लोग घायल भी हुए थे। इसके चलते अब पुलिस अधिकारियों ने कैमरे वाले हेलमेट के उपयोग के निर्देश दे रखे हैं। हाल ही अयोध्या विवाद पर आए फैसले के दौरान शहर में एहतियातन लगाए गए जाप्ते में भी अधिकारियों ने यही हेलमेट लगा रखे थे।
– अभी हमारे पास कैमरे वाले 144 हेलमेट हैं। इनकी गुणवत्ता भी अच्छी है। उपद्रव, धरना-प्रदर्शन में इनका उपयोग किया जा रहा है। इसमें कैद हुए वीडियो साक्ष्य के रूप में भी काम आ जाते हैं। जल्द ही रिजर्व पुलिस निरीक्षकों और अन्य पुलिसकर्मियों को भी ये हेलमेट उपलब्ध करवाए जाएंगे।
अजयपाल लांबा, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर द्वितीय, जयपुर