भेदभाव और पार्टी के कमजोर होने के लेकर जहां पायलट कैंप के विधायक की ओर से राहुल गांधी से मिलने की बात कही गई है तो वहीं पायलट कैंप के विधायकों के निशाने पर आए महेश जोशी भी अंदर खाने स्वयं को टारगेट की जाने से नाराज हैं और अपनी नाराजगी को लेकर महेश जोशी दिल्ली पहुंचे हैं, जहां वे आज प्रदेश प्रभारी अजय माकन के समक्ष अपनी रखेंगे। इसके अलाा विधायकों की ओर से सामूहिक रूप से पार्टी कमजोर होने के बयान देने के मामले से भी प्रदेश प्रभारी को अवगत कराएंगे।
आरोपों से सकते में हैं जोशी
दरअसल विधानसभा में सीट निर्धारण और सीट पर माइक नहीं होने को लेकर विधायक रमेश मीणा-वेद प्रकाश सोलंकी ने महेश जोशी को निशाने पर लिया था। दोनों विधायकों ने कहा था कि एससी-एसटी और मॉइनोरिटी विधायकों का सीट निर्धारण में महेश जोशी ने ध्यान नहीं रखा, साथ ही जानबूझकर कई विधायकों को बार-बार सदन में मौका दिया जाता है,जबकि एससी-एसटी और मॉइनोरिटी के विधायकों की सीटों पर माइक तक की व्यवस्था नहीं है।
बयान बाजी का जवाब देने के पक्ष में नहीं प्रदेश नेतृत्व
वहीं सूत्रों की माने तो पायलट कैंप के तीनों विधायकों की ओर से की गई बयानबाजी को लेकर प्रदेश नेतृत्व गंभीर तो है लेकिन बयानबाजी का जवाब देने के पक्ष में नहीं है। बताया जाता है कि प्रदेश नेतृत्व की ओर से पीसीसी के तमाम नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वह किसी भी तरह से बयान बाजी का जवाब नहीं दें। हालांकि तीनों विधायकों की ओर से जो बयानबाजी की गई है उसकी रिपोर्ट और वीडियो फुटेज तैयार कर दिल्ली भेजने को कहा गया है।
ये भी कहा पायलट कैंप के विधायकों ने
वहीं दूसरी ओर एससी-एसटी और मॉइनोरिटी को लेकर भी पायलट कैंप के विधायकों ने रमेश मीणा, मुरारी मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा कि एससी-एसटी और मॉइनोरिटी के वोटों से सरकार बनी है और सदन के अंदर और बाहर इन्हीं के साथ भेदभाव होता है, जिनके वोटों से सरकार बनी है उनका सम्मान जरूरी है।
गौरतलब है कि हाल ही में प्रश्नकाल के दौरान अपनी सीट पर माइक नहीं होने को लेकर विधायक रमेश मीणा का स्पीकर सीपी जोशी ने नोंकझोंक हुई थी। जिस पर स्पीकर ने साफ कर दिया था कि सीट निर्धारण की व्यवस्था पार्टी के मुख्य सचेतक करते हैं। जिसके बाद से मुख्य सचेतक महेश जोशी लगातार पायलट कैंप के विधायकों के निशाने पर हैं।