
पीपीएफ अकाउंट नहीं हो सकेगा जब्त
नई नियमावली का नाम है पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम-2019। इस नियमावली के लागू होने के बाद पीपीएफ से जुड़ी पिछली सारी नियमावलियां तत्काल प्रभाव से बेअसर हो गईं। नए नियम के तहत पीपीएफ में जमा राशि को जब्त नहीं किया जा सकता। खाताधारक पर किसी कर्ज या देनदारी की स्थिति में यदि अदालत का भी कोई आदेश होगाए तब भी पीपीएफ में जमा राशि को जब्त नहीं किया जा सकेगा। नए नियमों में मैच्योरिटी के बाद भी पीपीएफ अकाउंट में पैसे जमा कर सकने का प्रावधान है। जिस साल पीपीएफ का अकाउंट खुलता है, उस साल की समाप्ति के बाद 15 साल पूरे होने पर खाताधारक अपने खाते का विस्तार कर सकता है और उसमें पांच साल की अवधि के लिए और पैसे जमा कर सकता है।
जिस साल पीपीएफ खाता खोला गया, उस साल के पूर्ण होने बाद अगले पांच साल पूरा होने पर किसी भी दिन पीपीएफ खाते से निकासी की अनुमति दी गई है। खाते से कितनी राशि की निकासी हो सकती है, इस पर नियमावली में कहा गया है कि निकासी के वर्ष से पहले चौथे साल के अंत तक खाते में जितनी राशि जमा हुई है या पिछले साल के अंत तक खाते में जितनी भी राशि जमा हुई है, उसमें से जो भी कम हो, उसके अधिकतम आधे हिस्से की ही निकासी हो सकती है।
एक व्यक्तिके नाम पर सिर्फ एक पीपीएफ खाता खुल सकता है। खाता खोलने के लिए फॉर्म-1 में आवेदन किया जा सकता है। कोई व्यक्ति ऐसे हर नाबालिग या मंदबुद्धि व्यक्ति के लिए भी पीपीएफ खाता खुलवा सकता है, जिसका वह अविभावक है। नाबालिग या मंदबुद्धि व्यक्ति के नाम पर सिर्फ एक खाता ही खुल सकता है। किसी भी स्थिति में ज्वाइंट अकाउंट नहीं खोला जा सकता है। पीपीएफ खाते में किसी भी व्यक्तिद्वारा किसी भी एक कारोबारी साल में 500 रुपए से कम या 1.5 लाख रुपए से अधिक राशि जमा नहीं की जा सकती है। अधिकतम राशि में व्यक्ति द्वारा अपने खाता में जमा की गई राशि और नाबालिग की ओर से जमा की गई राशि दोनों शामिल हैं।
Published on:
17 Dec 2019 07:52 pm
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