इस तरह प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू होने के दो साल से अधिक समय निकल जाने के बाद भी सरकार केवल डेढ़ फीसदी का टारगेट ही हासिल कर पाई है। अगर आने वाले समय में रफतार नहीं बढ़ी तो सभी के लिए घर का लक्ष्य पूरा करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा।
यूपी में केवल 4903 घर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में भी अब तक केवल 4903 घर बन पाए हैं। रियल्टी एक्सपर्ट प्रदीप मिश्रा के मुताबिक सरकार के पास अब लगभग 1780 दिन बचे हैं। ऐसे में इतने बड़े टारगेट को हासिल करने के लिए प्रत्येक दिन 11 हजार घर बनाने होंगे।
राज्यों की सुस्ती से पिछड़ी योजना केंद्र सरकार के इस मिशन की रफ्तार धीमी होने की सबसे बड़ी वजह राज्यों का सुस्त रवैया है। भाजपा शासित राज्यों में इस योजना के तहत घर तेजी से नहीं बन रहे हैं। बीजेपी शासित राज्यों पर बनने वाले घरों के आकंड़ों को देखें तो हरियाणा में अब तक 1070 घर ही बन पाए हैं, जबकि गोवा में केवल 11 घर बने हैं। उत्तराखंड में 1338 घर बने हैं तो छतीसगढ़ में 1970 घर बने हैं।
अगर देखा जाए तो इस हिसाब से राज्य काफी पीछे चल रहे हैं। माना जा रहा है कि इस प्रकार पीएम नरेन्द्र मोदी का 2022 तक सबको आवास का सपना पूरा होना मुश्किल ही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस योजना में राज्य ही सुस्ती दिखा रहे हैं।
राज्य प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन के बन कर तैयार कब्जामिला
लिए स्वीकृत
मध्य प्रदेश ३६८ १,०९,१७१ ५,४५१ ३,३५८
राजस्थान ६५ २८,२२३ १२,०१२ ६,५८२
छत्तीसगढ़ ६९ १६,५५८ १,९७० १,४०४