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Guru Pradosh Vrat — हावी हो रहे हों विरोधी तो ऐेसे करें शिव आराधना, शांत हो जाएंगे शत्रु

locationजयपुरPublished: Jul 02, 2020 06:46:59 am

Submitted by:

deepak deewan

शास्त्रों के अनुसार त्रयोदशी तिथि पर सायंकाल को प्रदोष काल कहा जाता है। हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।

Pradosh Vrat 2020 Shiv Puja

Pradosh Vrat 2020 Shiv Puja

जयपुर.
सनातन धर्म में हर तिथि का विशेष महत्व है. माह की त्रयोदशी तिथि की अलग ही अहमियत है. इस तिथि पर शिवपूजन का विधान है. शास्त्रों के अनुसार त्रयोदशी तिथि पर सायंकाल को प्रदोष काल कहा जाता है। हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत बहुत अच्छा माना गया है।
ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि यह व्रत सभी प्रकार के कष्ट और पापों को नष्ट करता है। त्रयोदशी व्रत करने वाले को 100 गायें दान करने का फल प्राप्त होता है. खास बात यह भी है कि अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत का भी अलग-अलग महत्व होता है। गुरूवार को आने वाले प्रदोष को गुरू प्रदोष कहा जाता है जिसका विशेष महत्व है। इस बार 2 जुलाई को गुरू प्रदोष व्रत है.
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार गुरु प्रदोष व्रत शत्रुओं का विनाश करने वाला माना गया है। यदि आपके जीवन में शत्रु हावी हो रहे हों तो इस दिन व्रत रखकर शिवजी की पूरी श्रदृधा से आराधना करें. गुरूवार को शाम को ओमकार मंत्र ओम नम: शिवाय का ज्यादा से ज्यादा जाप करें. विश्वासपूर्वक की गई शिव आराधना का फल जरूर प्राप्त होगा।
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