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जयपुर

राजस्थान में संविदाकर्मियों को स्थायी नौकरी का तोहफा देने की तैयारी

प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक संविदाकर्मियों (Contract workers) को कांग्रेस सरकार (Congress Government) दीवाली तक स्थायी नौकरी (permanent job) का तोहफा देने की तैयारी में है। इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति (Cabinet sub committee) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को रिपोर्ट देने की तैयारी कर ली है।

जयपुरOct 13, 2020 / 12:10 am

vinod

राजस्थान में संविदाकर्मियों को स्थायी नौकरी का तोहफा देने की तैयारी

राजस्थान में संविदाकर्मियों को स्थायी नौकरी का तोहफा देने की तैयारी

सीकर। प्रदेश के डेढ़ लाख से अधिक संविदाकर्मियों (Contract workers) को कांग्रेस सरकार (Congress Government) दीवाली तक स्थायी नौकरी (permanent job) का तोहफा देने की तैयारी में है। इसके लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति (Cabinet sub committee) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को रिपोर्ट देने की तैयारी कर ली है। खास बात यह है कि गहलोत सरकार पिछले कार्यकाल की तरह बोनस अंकों के जरिए नए सिरे से भर्ती का फॉर्मूला (Recruitment formula) ला सकती है। हालांकि सरकार ने इसके अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं की है। पिछले विधानसभा चुनाव के समय सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। इसके बाद से लगातार संविदाकर्मियों की आेर से नियमित करने की मांग उठाई जा रही है। पिछले दिनों कांग्रेस के सियासी घमासान के बीच भी इनके मामले ने काफी तूल पकड़ा था। एेसे में अब समिति ने वित्त विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपने की तैयारी कर ली है।
छह बैठकों में हर कैडर पर चर्चा
स्वास्थ्य, शिक्षा, पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, जलदाय, चिकित्सा शिक्षा सहित नौ विभागों में संविदा पर कर्मचारी कार्यरत है। मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक में सभी विभागों पर कार्यरत संविदा कार्मिकों के कैडर को लेकर चर्चा हो चुकी है।
बोनस अंकों के फॉर्मूले से राहत की तैयारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले कार्यकाल ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बोनस अंकों के जरिए भर्ती करने की राह दिखाई थी। इसमें संविदा कर्मचारियों के एक वर्ष के अनुभव पर दस अंक, दो वर्ष के अनुभव पर बीस अंक व तीन वर्ष के अनुभव तीस अंक देने का प्रावधान किया था। पहले चरण में तो यह भर्ती हो गई, लेकिन बाद में भर्ती विवादों में आने की वजह से अटक गई थी।
स्थायी नौकरी की वर्षों से आस
प्रदेश में विद्यार्थी मित्रों से लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सहयोगनी, लिपिक सहित अन्य कर्मचारियों को वर्षों से स्थायी नौकरी की आस है। भाजपा सरकार के समय में इनको स्थायी करने के लिए कमेटी गठित हुई थी, लेकिन इनकी स्थायी नौकरी की उम्मीद कमेटियों की बैठक में ही दफन हो गई।
सीएम को जल्द रिपोर्ट देने की तैयारी
संविदाकर्मियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर पिछले दिनों हुई बैठक में काफी चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री को जल्द रिपोर्ट दी जाएगी। संविदाकर्मियों के मामले में वित्त विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा हो गई है।
-गोविंद सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

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