पहली बार टाइम ऑफ डे (टीओडी) व्यवस्था लागू की गई है, यानि चार्जिंग स्टेशन पर रात में वाहन चार्ज करते हैं तो बिजली उपभोग दर में 15 प्रतिशत छूट मिलेगी। यह समय रात 11 से सुबह छह बजे तक है। रात में अतिरिक्त बिजली होने के कारण टीओडी व्यवस्था लागू की गई है।
सरकार की वर्ष 2030 तक सड़कों पर 100 फीसदी ई-वाहन होने का लक्ष्य निर्धारित किया। नीति आयोग की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है। देश में बिकने वाली ई-वाहन में से 6.21 प्रतिशत राजस्थान का हिस्सा है।
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग चार्जिंग स्टेशन के लिए तीन व्यावसायिक मॉडल को अनुमति दे चुका है। इसमें स्वामित्व वाले चार्जिंग स्टेशन के अलावा डिस्कॉम भी चार्जिंग स्टेशन लगा सकेंगे। वहीं, पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप के तहत भी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। खास यह है कि इलेक्ट्रिक वाहनों से ग्रिड को बिजली सप्लाई की संभावना भी तलाशी जाएगी। इसके लिए विस्तृत अध्ययन होगा।
-ऐसे स्टेशन को ओपन एक्सेस के माध्यम से किसी भी स्त्रोत से बिजली खरीद की अनुमति होगी।
-स्टेशन वितरण लाइसेंसधारी को सूचित करते हुए बैटरी स्वेपिंग स्टेशन स्थापित कर सकेगा।
-रूफ टॉप सौर पैनल सुविधा के साथ भी स्टेशन संचालित किए जा सकेंगे।
-रिन्यूएबल एनर्जी टेरिफ रेगुलेशन, 2020 के अनुसार 31 मार्च 2023 से पहले लगाए गए सोलर पॉवर प्रोजेक्ट द्वारा कैप्टिव रूट के तहत इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति के लिए प्रसारण प्रभारी और व्हीलिंग प्रभार में 100 फीसदी छूट मिलेगी।