सरकार अब नहीं चाहती कि ये मजदूर दोबारा दूसरे राज्यों में जाएं इसके लिए सरकार इन्हें प्रदेश में ही औद्योगिक इकाइयों और निजी कंपनियों में रोजगार देने की तैयार कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने राज कौशल श्रमिक रोजगार एक्सचेंज शुरू किया है। राज कौशल श्रमिक रोजगार एक्सचेंज में कुल 57 लाख 78 हजार 685 मजदूर पंजीकृत हैं इनमें से 11 लाख 18 हजार 839 प्रवासी मजदूर हैं।
11 लाख से ज्यादा उद्योग इकाइयां रजिस्टर्ड
वहीं श्रम विभाग के राज कौशल श्रमिक रोजगार एक्सचेंज में 11 लाख 18 हजार 842 छोटे उद्योग इकाइयां, कारखाने, फैक्ट्रियां और कंपनियां भी पंजीकृत हैं। श्रम विभाग से जुड़े अधिकारियों की मान तो सरकार की मंशा है कि रजिस्टर्ड उद्योग इकाइयों, कंपनियों और कारखानें काम करने के लिए राज कौशल श्रमिक रोजगार एक्सचेंज से ही जरुरत के मुताबिक श्रमिक लें। राज कौशल एक्सचेंज में हर प्रकार के काम जानने वाले मजदूर पंजीकृत हैं ऐसे में कंपनियां योग्य मजदूरों का चुनाव यहां से कर सकती है।
अभी प्रवासियों को मनरेगा में मिल रहा काम
वहीं फिलहाल दूसरे प्रदेशों से लौटे प्रवासी राजस्थानी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है। इन मजदूरों को 100 दिन का रोजगार दिया जा रहा है। मनरेगा में 200 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने केंद्र सरकार से मांग भी की है।
इन कामों के मजदूरों का राज कौशल में पंजीयन
श्रम विभाग की राज कौशल पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक बिल्डिंग निर्माण का काम जानने वाले 23 लाख 20 हजार, 241 श्रमिकों ने पंजीयन कराया है। इसके अलावा उद्योग-व्यापार से जुड़े 59 हजार 531 मजदूरों ने पंजीयन कराया है। सेफ्टी एंड सिक्योरिटी से जुड़े 29 हजार 277 श्रमिकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया।
इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्प्यूटर का काम जानने वाले 71 हजार 113 लोगों ने पंजीयन कराया हुआ है। टूर एंड ट्रेवल्स का काम जानने वाले 13 हजार 860 लोगों ने राजकौशल श्रमिक एक्सचेंज में पंजीयन कराया हुआ है।