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जयपुर

राजस्थान में प्राइवेट स्कूलों पर आया ये बढ़ा संकट…स्कूल की मान्यता पर पैदा हुआ खतरा

सरकार में राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षाधिकारी को निर्देश दे दिए है कि स्कूलों में राजस्थान फीस एक्ट की पालना सख्ती से हो।

जयपुरApr 17, 2018 / 10:12 pm

Dinesh Gautam

private school,s fees increase, state govt in strict order

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प्रदेश में इन दिनों नामचीन निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाकर पेरेंट्स की जेब पर वॉर किया है। रोजाना हो रहे प्रदर्शन और विरोध के बाद अब सरकार ने इस मामले में अपना रूख तय कर लिया है। सरकार में राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षाधिकारी को निर्देश दे दिए है कि स्कूलों में राजस्थान फीस एक्ट की पालना सख्ती से हो।
सरकार ने स्कूलों में फीस बढ़ाने की खिलाफत करते हुए शिकायत मिलने पर स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दे दी है। सरकार का कहना है कि यदि स्कूलों ने सरकारी दिशा निर्देश नहीं माने तो उन स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी। इस मामले में मंत्री वासुदेव देवनानी ने सीबीएससी के क्षेत्रीय डाइरेक्टर को भी बुला लिया। क्योंकि ज्यादातर शिकायत सीबीएससी से सम्बद्ध स्कूलों में ही मिलती है।

मंत्री ने सीबीएससी के क्षेत्रीय निदेशक को साफ कह दिया है कि जिन स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने की शिकायत मिली है उस पर कार्रवाई करें। फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर कार्रवाई के लिए विधानसभा में फीस एक्ट पारित कर किया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 26 हजार स्कूलों में अभिभावकों की सदस्यता वाली फीस समितियां का गठन किया गया है।
शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार और केंद्रीय बोर्ड ऑफ सैकंडरी एजुकेशन फीस वृद्धि मामले में एकमत है। राज्य सरकार और सीबीएससी संबद्धता वाली कोई भी स्कूल मनमाने ढंग से स्कूलों में फीस वृद्धि करती पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मंत्री ने साफ कहा है कि निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकते। यही नहीं स्कूल के पुस्तकें, ड्रेस और दूसरे सामान खरीदने के लिए दुकान विशेष का दबाव नहीं डाल सकते।
सरकार का यह भी कहना है कि प्राइवेट स्कूलों की ओर से यूनिफार्म कम से कम पांच साल के बीच नहीं बदली जाएगी। कक्षा एक से 12, कक्षा एक से 8 और कक्षा एक से 5 चाहे वह किसी भी शिक्षा बोर्ड या मंडल से जुड़ा हो उन पर सभी आदेश माने जाएंगे। यदि कोई स्कूल प्रबंधन सरकार के आदेशों की पालना नहीं करता है तो उस स्कूल की मान्यता खतरे में आ जाएगी। यह तय है।
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