: पशुपालकों में स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा का विकास
: पशुपालकों को उन्नत नस्ल के पशु रखने के लिए प्रेरित करना
: आधुनिक और नई तकनीक से पशु देखभाल करने से उत्पादकता के प्रभाव को दर्शाना
: नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान की महत्ता बताना
: पशुपालकों का आर्थिक और सामाजिक विकास कर उन्हें पशुधन विकास की मुख्य धारा से जोडऩा
: योजना के माध्यम से प्रगतिशील पशुपालकों को चिह्नित कर उन्हें प्रोत्साहित करना
विभाग इस योजना के तहत उन पशुपालकों का चयन करेगा, जिन्होंने पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार कर नए आयाम स्थापित किए हो , जो अन्य के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन सकें। ऐसे पशुपालक जो पशुपालन की नई तकनीक का उपयोग कर उन्नत नस्ल की पशुओं का पालन करते हो, जिन्हें विभाग की योजनाओं की जानकारी हो और वह उनका लाभ प्राप्त करता हो। विभाग की विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत हो चुके पशुपालकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
: पंचायत समिति स्तर पर 352 पशुपालकों को सम्मानित किया जाएगा
: हर पशुपालक को 10 हजार रुपए की राशि दी जाएगी।
: जिला स्तर पर कुल 68 पशुपालकों का चयन होगा
: हर पशुपालक को जिला स्तर पर 25 हजार रुपए की राशि दी जाएगी
: राज्य स्तर पर दो पशुपालकों का चयन होगा उन्हें सम्मान स्वरूप 50-50 हजार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी
: 31 अगस्त तक पंचायत समिति और जिला स्तर पर चयनित पशुपालकों की सूची विभाग को भिजवानी होगी।
: पंचायत स्तर पर तीन पशुपालक सम्मानित होंगे।
: यदि पंचायत स्तर के पशुपालक का चयन जिला स्तर पर होता है तो उसी पंचायत समिति में दूसरे स्थान पर रहे पशुपालक का चयन पुरस्कार के लिए होगा।
: पंचायत समिति स्तर के प्रथम स्थान वाले पशुपालक जिला स्तर पर चुने जाएंगे।
: हर जिले से दो पशुपालकों का चयन पुरस्कार के लिए किया जाएगा।
: जिला स्तर पर चयनित पशुपालकों में से यदि किसी का चयन राज्य स्तर के लिए होता है तो उसी जिले में तीसरे स्थान पर रहे पशुपालक को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
: चयनित पशुपालक को एक ही स्तर पर सम्मानित किया जा सकेगा।
: राज्य स्तर पर पुरस्कृत पशुपालक जिला स्तर पर सम्मानित नहीं होगा।
: जिला स्तर पर सम्मानित पशुपालक पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित नहीं होगा।
विभाग ने पशुपालकों के चयन के लिए तीन कमेटियों का भी गठन किया जाएगा। पंचायत समिति स्तर पर उपखंड अधिकारी तहसीलदार या पंचायत समिति का विकास अधिकारी तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष होंगे। वहीं जिला स्तर पर जिला कलेक्टर या सहायक जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की कमेटी गठित की जाएगी। राज्य स्तर पर प्रमुख शासन सचिव या शासन सचिव पशुपालन विभाग की अध्यक्षता में 6 सदस्यों की कमेटी इन पशुपालकों का चयन करेगी।