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जयपुर

दिल्ली समेत 12 राज्यों में प्रदर्शन, हिंसा में 3 की मौत

हिंसक प्रदर्शन की खबरों के बीच गृहमंत्रालय ने देश भर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुला ली।

जयपुरDec 20, 2019 / 01:27 am

Vijayendra

दिल्ली समेत 12 राज्यों में प्रदर्शन, हिंसा में 3 की मौत

दिल्ली समेत 12 राज्यों में प्रदर्शन, हिंसा में 3 की मौत

नई दिल्ली. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ वामदलों व अन्य संगठनों के आह्वान पर गुरुवार को राजधानी दिल्ली समेत 12 राज्यों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। हिंसा में तीन लोगों की मौत गई। हिंसक प्रदर्शन की खबरों के बीच गृहमंत्रालय ने देश भर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुला ली।
कर्नाटक के शहर मेंगलूरु में गोली लगने से जलील कुदरोली (43) और नौशीन बेंगरे नाम के दो लोगों की मौत गई। दोनों की मौत पुलिस फायरिंग में हुई। इसके बाद पूरे मेंगलूरु में 22 दिसंबर तक कफ्र्यू लगा दिया गया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हुसैनाबाद इलाके में भी एक शख्स की मौत हो गई। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी संदीप तिवारी ने बताया कि मो. वकील (25) नाम के इस शख्स की मौत गोली लगने से हुई है। दो अन्य भी गंभीर हैं। इनमें एक को गोली लगी है। शहर के परिवर्तन चौक के आसपास एक पुलिस चौकी, 20 बाइक, 10 कारें, 3 बसें और मीडिया की 4 ओबी वैन फूंक दी गईं। संभल में दो बसों को फूंक गया। इधर, दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान योगेंद्र यादव, संदीप दीक्षित, सीताराम येचुरी सहित सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया। बेंगलूरु में इतिहासकार रामचंद्र गुहा को भी हिरासत में लिया गया। दिल्ली-गुरुग्राम रोड पर 10 किमी लंबा जाम लग गया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर जमा होने की कोशिश की। पुलिस लगातार उन्हें रोकने में जुटी रही। इस दौरान दिल्ली में 20 मेट्रो स्टेशनों को ऐहतियातन बंद भी किया गया, हालांकि बाद में अधिकतर को खोल दिया गया। कुछ घंटे के लिए दिल्ली के कुछ इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल सेवा भी रोकी गई।
संशोधित नागरिकता एक्ट के खिलाफ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक के अलावा, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन हुए। हालांकि राजस्थान में नए कानून के समर्थन में भी लोग सड़कों पर निकले।
कांग्रेस ने एकजुट होने की अपील की
नई दिल्लीञ्च पत्रिका. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एकजुटता से आवाज उठाने के लिए गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोर ग्रुप की बैठक कर देश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार देश की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, इसलिए सभी का एकजुट होना जरूरी है। आनन-फानन में दस जनपथ पर बुलाई बैठक में कोर गु्रप के सभी सदस्य नहीं पहुंच पाये। दूसरी ओर विदेश दौरे पर गए राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को मेट्रो ट्रेनों को रोकने, भारत की आवाज़ को दबाने व शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए धारा 144 लगाने के लिए कॉलेजों, टेलीफोनों और इंटरनेट को बंद करने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसा करना भारत की आत्मा का अपमान है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकार वार्ता में केंद्र पर देश में अघोषित आपातकाल लगाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा आज ‘भारतीय जिद पार्टीÓ बन गई है जिसे किसी की आवाज नहीं सुनाई दे रही है। विपक्ष आवाज उठा रहा है तो उल्टा उसी पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने केंद्र पर तंज करते हुए कहा कि कश्मीर जैसी ‘सामान्य स्थितिÓ अब दिल्ली में भी आ गई है। जियो और एयरटेल जैसे सेवा प्रदाता कह रहे हैं कि सरकार के निर्देश पर उनकी ओर से इंटरनेट सेवाएं बंद की गई है। यह देश की राजधानी दिल्ली में हो रहा है। क्या यह सामान्य स्थिति है? यह आंदोलन भाजपा के अंत की शुरुआत है।
कोर गु्रप बैठक से निकलते हुए कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा की केंद्र सरकार देश के युवाओं की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही हैए जिसके खिलाफ सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए। इस कानून से देश के गरीब लोगों और आम जनता को सबसे ज्यादा नुकसान होगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश में वर्तमान में जो भी केंद्र की ओर से किया जा रहा है वो बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी की विचारधारा के खिलाफ है। इस देश के नौजवानों पर हमला हो रहा है जोकि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ कदम उठा रही है।
वहीं मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपनी डिग्री नहीं ढूंढ पा रहे है तो इस देश के गरीब नागरिक कहां से अपने दस्तावेज़ ढूंढ कर लाएंगे। केंद्र सरकार मुलभुत मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यह कानून लेकर आई है, जिसके दुष्परिणाम हर हिस्से में देखने को मिल रहे हैं। कोर गु्रप की बैठक में अहमद पटेल, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद, आरपीएन सिंह और दीपेन्द्र हुड्डा भी शामिल हुए।

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