सवाल: आरयूएचएस में आपने निरीक्षण किया, क्या वह सही था?
रघु शर्मा: मैंने पूरे प्रोटोकॉल के साथ डॉक्टरों के ही आग्रह पर निरीक्षण किया। यह अस्पताल डेडिकेटेड कोविड अस्पताल है, जहां हर मरीज पहले से ही कोविड संक्रमित हैं। मरीजों के प्रति सहृदयता दिखाना और उनसे मुलाकात करना ही मेरा उद्देश्य था। नजदीक रहकर मैंने उनकी सुविधाओं को देखा।
सवाल: क्या उससे क्वॉरंटीन नियम नहीं टूटे?
रघु शर्मा: जो डॉक्टर मेरे साथ थे, वे ऑन ड्यूटी थे और कोविड मरीजों का ही उपचार कर रहे थे। तब मैं कैसे बीमारी का प्रसार कर सकता हूं। क्वॉरंटीन नियम टूटने की कोई बात ही नहीं है। मैं अभी भी होम आइसोलेट हूं।
सवाल: आमजन यदि नियम तोड़ते हैं तो उन पर जुर्माने का भारी प्रावधान है, आपने तो भीड़ में चुनाव प्रचार भी किया?
रघु शर्मा: मैंने चुनाव प्रचार के दौरान भी नियमों का पूरा ख्याल रखा, चुनावों के दौरान कई बार भीड़ को रोक पाना मुश्किल हो जाता है।
सवाल: विपक्ष के नेता भी आरोप लगा रहे हैं और कार्यवाही की मांग कर रहे हैं?
रघु शर्मा: उनके पास अब कोई काम नहीं बचा है। कोविड प्रबंधन में राजस्थान सिरमौर है, यही उनकी पीड़ा है।
स्वास्थ्य मंत्री से कोई ऐसी उम्मीद कर सकता है भला! शर्म आनी चाहिए: कालीचरण सराफ
सवाल: भाजपा के भी कई नेता चुनावों में भीड़ भरी सभाएं कर रहे हैं?
सराफ: नियम जो भी तोड़ता है, उस पर कार्यवाही करना प्रशासन का काम है, लेकिन मंत्री रहते कोई क्वॉरंटीन नियम तोड़ता है, वह भी स्वास्थ्य मंत्री तो क्या संदेश जाता है जनता के बीच। शर्म आनी चाहिए…इन्हें।
सवाल: राजस्थान कोविड प्रबंधन में सिरमौर है, कांग्रेस का आरोप है कि इससे भाजपा में बौखलाहट है…
सराफ: राजस्थान में जितनी मौतें हो रही हैं, जितने संक्रमित वास्तव में आ रहे हैं, उतने आंकड़े ये वास्तव में दिखा दें तो उनका सिरमौरपन उतर जाएगा, ये झूठ के सिवाय कुछ नहीं दिखा रहे।
सवाल: क्या भाजपा कोविड काल में राजनीतिक गतिविधियां बंद करने की मांग मुख्यमंत्री से करेगी?
सराफ: वृहद स्तर पर निर्णय पार्टी स्तर पर होता है, मैं चिकित्सा मंत्री पर कार्यवाही की मांग कर चुका हूं।
सवाल: आम आदमी पर भारी भरकम जुर्माने का विरोध आपने और आपकी पार्टी के नेताओं ने नहीं किया।
सराफ: भाजपा लगातार आमजन की समस्याओं को कोविड काल में उठा रही है।