यह है मामला. 11 अप्रेल,1997 को नरायना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन नंबर 2413 अप.लिंक एक्सप्रेस रुकी हुई थी। आरोप है कि इसी दौरान वहां सन्नी देओल,करिश्मा कपूर,टीनू वर्मा और सतीश शाह फिल्म बजरंग की यूनिट के साथ पहुंचे और शूटिंग शुरु कर दी और इमर्जेंसी चेन खींच कर ट्रेन को रोक दिया। इस दौरान रेलवे प्लेटफार्म पर भारी भीड़ एकत्रित हो गई थी और ट्रेन को रवाना होने में 25 मिनट की देरी हो गई थी।
इस संबंध में सहायक स्टेशन मास्टर सीताराम मालाकार ने फुलेरा जीआरपी थाने में चारों फिल्म अभिनेताओं के खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा.141 में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने जांच के बाद सबको क्लीन चिट देते हुए एफआर पेश कर दी थी। कोर्ट ने 10 फरवरी,1998 को एफआर अस्वीकार कर रेलवे एक्ट की धारा.141,145,146 और 147 में प्रसंज्ञान लेकर चारों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे।
सन्नी देओल व करिश्मा कपूर की याचिका पर हाईकोर्ट ने 7 मार्च,1998 को गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगा दी थी। 2009 में हाईकोर्ट ने रेलवे कोर्ट के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया लेकिन दोनों को रेलवे कोर्ट में पेश होकर जमानत करवाने की छूट दी थी।
इसके बाद रेलवे कोर्ट से सारांश आरोप तय होने के आदेश हुए थे। दोनों ने इस आदेश को चुनौती दी तो डीजे कोर्ट ने सारांश आरोप तय करने के आदेश को रद्द कर रेलवे कोर्ट को मामले में पुन: सुनवाई करने के आदेश दिए थे। दोनों के वकील का कहना था कि जिन धाराओं में सारांश आरेाप तय करने के आदेश दिए हैं उन धाराओं में तो कोई मामला बनता ही नहीं है। इसके बाद से मामला रेलवे कोर्ट में लंबित चल रहा था और कोर्ट ने 17 सितंबर को फिर से उन्हीें धाराओं में सारांश आरोप तय कर दिए थे।