न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने ऊषा कुमारी की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। प्रार्थीपक्ष की ओर से कोर्ट को बताया कि लेवल-2 के विशेष शिक्षकों के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद के अनुसार बीएड (विशेष शिक्षा) अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिए, लेकिन प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय इसकी पालना नहीं कर रहा है। बीएड व पीजीपीडी शैक्षणिक योग्यता होने और मेरिट में नाम होने के बावजूद प्रार्थिया को नियुक्ति से इनकार कर दिया है, जबकि प्रार्थिया से कम अंक वालों व प्रतीक्षा सूची वालों को नियुक्ति दी जा रही है।
इधर… नौकरी से पहले मां बनी व्याख्याता को दिलाया मात्तृत्व अवकाश
जयपुर। हाईकोर्ट ने नियुक्ति से कुछ दिन पहले मां बनी महिला व्याख्याता को अंतरिम तौर पर मातृत्व अवकाश का लाभ दिलाया है। प्रमुख शिक्षा सचिव के जरिए राज्य सरकार, माध्य्. शिक्षा निदेशक, भरतपुर संभाग के माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक व गंगापुर सिटी के राउमावि को नोटिस जारी कर पूछा कि मातृत्व अवकाश से वंचित करने की वजह क्या है? न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने तनुजा वर्मा की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह अवकाश याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। प्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थिया ने 24 अगस्त 2018 को संतान को जन्म दिया और 1 सितम्बर को स्कूल व्याख्याता पद ग्रहण किया। प्रार्थिया ने मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया, लेकिन पद संभालने से पहले बच्चे के जन्म के कारण मातृत्व अवकाश नहीं दिया गया। प्रार्थीपक्ष ने कहा कि मातृत्व अवकाश से इनकार करके बच्चे और मां दोनों के अधिकार छीने जा रहे हैं। सेवा नियमों के तहत किसी महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश से वंचित नही किया जा सकता।
जयपुर। हाईकोर्ट ने नियुक्ति से कुछ दिन पहले मां बनी महिला व्याख्याता को अंतरिम तौर पर मातृत्व अवकाश का लाभ दिलाया है। प्रमुख शिक्षा सचिव के जरिए राज्य सरकार, माध्य्. शिक्षा निदेशक, भरतपुर संभाग के माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक व गंगापुर सिटी के राउमावि को नोटिस जारी कर पूछा कि मातृत्व अवकाश से वंचित करने की वजह क्या है? न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने तनुजा वर्मा की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यह अवकाश याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा। प्रार्थीपक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थिया ने 24 अगस्त 2018 को संतान को जन्म दिया और 1 सितम्बर को स्कूल व्याख्याता पद ग्रहण किया। प्रार्थिया ने मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया, लेकिन पद संभालने से पहले बच्चे के जन्म के कारण मातृत्व अवकाश नहीं दिया गया। प्रार्थीपक्ष ने कहा कि मातृत्व अवकाश से इनकार करके बच्चे और मां दोनों के अधिकार छीने जा रहे हैं। सेवा नियमों के तहत किसी महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश से वंचित नही किया जा सकता।