रबी सीजन में बोई जाने वाली गेहूं की फसल में सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है। गेहूं की फसल में छह बार सिचाई होती है। इसके बाद सरसों की फसल में चार या पांच बार सिचाई की जरूरत होती है। ऐसे में पानी की कमी के कारण राज्य में किसान गेहूं और सरसों जैसी फसलों की बुवाई को महंगा सौदा मानने लगे हैं और इनकी खेती से पीछे हट रहे हैं।
कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो राज्य में पूरे अगस्त में बारिश नहीं हुई। जिसका असर खरीफ के साथ रबी की फसलों पर आया। गेहूं और सरसों का रकबा घटना कृषि विभाग के अधिकारियों के लिए ज्यादा चिंता का विषय बना हुआ है। दलहनी और तिलहनी फसलों की कम बुवाई का असर दालों और खाद्य तेल की कीमतों पर आएगा।
बुवाई का कुल क्षेत्रफल-1. 16 करोड़ हेक्टेयर रबी सीजन-2023
लक्ष्य-1.17 करोड़ हेक्टेयर बुवाई-1.08 करोड़ हेक्टेयर
लक्ष्य के मुकाबले 9 लाख हेक्टेयर कम बुवाई पिछले वर्ष के मुकाबले 8 लाख हेक्टेयर में कम बुवाई
गेहूं – लक्ष्य – बुवाई 3100000 – 2861754
सरसों – 4100000 – 3620494 चना – 2100000 – 1934331
तारामीरा- 240000 – 100648 आंकडे लाख हेक्टेयर में
खरीफ सीजन में बुवाई पर आया असर
बुवाई का लक्ष्य-1 करोड़ 64 लाख हेक्टेयर बुवाई हुई- करोड़ 58 लाख
लक्ष्य से 6 लाख हैक्टेयर कम खरीफ में दलहनी फसलों का रकबा घटा
लक्ष्य – बुवाई मूंग – 24 – 21 लाख
उड़द – 5 – 3