‘आक्रमण’ का मोर्चा संभालेगी ‘तिकड़ी’
सत्र के दौरान भाजपा का शुरू से ही आक्रामक रुख रहना तय दिख रहा है। पार्टी के वरिष्ठ विधायकों ने इसके संकेत अपनी प्रतिक्रियाओं में पहले ही दे दिए हैं। वहीँ भाजपा विधायक दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और आमेर विधायक व प्रदेश संगठन अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की ‘तिकड़ी’ आक्रमण का मोर्चा संभालेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों गहलोत-पायलट गुटबाजी के दौरान भी इन तीनों नेताओं ने ही भाजपा खेमे की कमान संभाले हुए थी।
सत्र के दौरान भाजपा का शुरू से ही आक्रामक रुख रहना तय दिख रहा है। पार्टी के वरिष्ठ विधायकों ने इसके संकेत अपनी प्रतिक्रियाओं में पहले ही दे दिए हैं। वहीँ भाजपा विधायक दल की ओर से नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और आमेर विधायक व प्रदेश संगठन अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की ‘तिकड़ी’ आक्रमण का मोर्चा संभालेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों गहलोत-पायलट गुटबाजी के दौरान भी इन तीनों नेताओं ने ही भाजपा खेमे की कमान संभाले हुए थी।
वसुंधरा की भूमिका पर रहेगी नज़र
पूर्व मुख्यमंत्री व झालरापाटन विधायक वसुंधरा राजे का सदन में क्या रुख रहेगा ये भी फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है। सत्र के दौरान राजे के रुख की तस्वीर विधायक दल की बैठक के बाद ही कुछ हद तक साफ़ हो पाएगी। सत्र को लेकर राजे की ओर से अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं आई है।
पूर्व मुख्यमंत्री व झालरापाटन विधायक वसुंधरा राजे का सदन में क्या रुख रहेगा ये भी फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है। सत्र के दौरान राजे के रुख की तस्वीर विधायक दल की बैठक के बाद ही कुछ हद तक साफ़ हो पाएगी। सत्र को लेकर राजे की ओर से अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं आई है।
दरअसल, वसुंधरा राजे पिछले दिनों लम्बी सियासी चुप्पी के बाद सीधे दिल्ली पहुँच गईं थीं। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य केंद्रीय स्तर के वरिष्ठ नेताओं से मुलाक़ात की है। बताया गया है कि वे संगठन की कार्यशैली, नई कार्यकारिणी में उनके गुट के नेताओं को तवज्जो नहीं मिलने और पार्टी समर्थित सांसद की ओर से उनके खिलाफ हुई बयानबाजी से खफा है। इन्हीं सब मसलों को लेकर उन्होंने अपनी बात केंद्रीय संगठन के समक्ष रखी हैं। ऐसे में अब सत्र के दौरान राजे का मिजाज़ कैसा रहने वाला है ये सस्पेंस बना हुआ है।
सवालों से होगा ‘हल्लाबोल’
भाजपा विधायक खासतौर से प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के ज़रिये सरकार पर पहले से हमलावर रहे हैं। इस बार भी कुछ इसी तरह की रणनीति पर काम किये जाने के संकेत मिल रहे हैं। प्रश्न काल के दौरान मंत्रियों को घेरने की मंशा से पार्टी से जुड़े विधायकों ने ढेर सारे प्रश्न लगाए हुए हैं। वहीं सत्र के दौरान आने वाले मुद्दों को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के ज़रिये भी पुरजोर तरीके से उठाये जाने की संभावना बनी हुई है।
भाजपा विधायक खासतौर से प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के ज़रिये सरकार पर पहले से हमलावर रहे हैं। इस बार भी कुछ इसी तरह की रणनीति पर काम किये जाने के संकेत मिल रहे हैं। प्रश्न काल के दौरान मंत्रियों को घेरने की मंशा से पार्टी से जुड़े विधायकों ने ढेर सारे प्रश्न लगाए हुए हैं। वहीं सत्र के दौरान आने वाले मुद्दों को ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के ज़रिये भी पुरजोर तरीके से उठाये जाने की संभावना बनी हुई है।
बयानों से झलक रहा आक्रामक रहने की तस्वीर ‘राज्य सरकार को टिड्डी आक्रमण, कोरोना कहर, सूखे की संभावना, जर्जर कानून व्यवस्था और टेलीफोन टैपिंग जैसे कई सवालों से कटघरे में खड़ा किया जाएगा। तरकश में एक भी तीर नहीं रखेंगे, सब के सब छोड़ेगे और सदन से लेकर सड़क तक कुशासन का विरोध करेंगे।’ – राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
‘राजस्थान सरकार का रिपोर्ट कार्ड देखिये। अपराध नियंत्रण में फेल, महिला व दलित सुरक्षा में फेल, कोरोना नियंत्रण में फेल, टिड्डी नियंत्रण में फेल, बेरोजगारी भत्ते देने में में फेल, किसान कर्जमाफी में फेल, बिजली की दरें घटाने में में फेल। ऐसी महा-फेल सरकार सत्ता में बने रहने के लायक नहीं है।‘ – डॉ सतीश पूनिया, भाजपा विधायक