राजस्थान में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चौदहवीं विधानसभा का सत्र शुरू हो गया है। हर बार की तरह इस बार भी सत्र के हंगामेदार रहने की पूरी संभावना है। विपक्ष सत्ता पक्ष को घेरने के लिए पूरा जोर लगाएगा। यह सत्र तीन दिन चल सकता है। माना जा रहा है कि चौदहवीं विधानसभा का यह अंतिम सत्र रहेगा।
सत्र के पहले दिन बुधवार को सदन में शोकाभिव्यक्ति होगी। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी समेत लोकसभा के अध्यक्ष रहे सोमनाथ चटर्जी, अन्य राज्य के दिवंगत हुए पूर्व मुख्यमंत्रिय़ों और राज्यपालो के अलावा मौजूदा विधानसभा के सदस्य रहे धर्मपाल चौधरी, पूर्व विधायक जगन सिंह, रामकिशन वर्मा समेत केरल और अन्य राज्यों में अतिवृष्टि के मृतकों को सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी।
इनको दिया जाएगा विधेयक का रूप
राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों पांच अध्यादेश जारी किए गए थे, जिनको सदन से पास करवा कर विधेयक का रूप दिय़ा जाएगा। इसमें राजस्थान लोकायुक्त, उपलोकाय़ुक्त संशोधन अध्यादेश, राजस्थान मूल्य संवर्धित संशोधन अध्यादेश, राजस्थान स्टाम्प संशोधन अध्य़ादेश, जयपुर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड, संस्कृत विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश को विधेयक के रूप में सदन से पास करवाया जाएगा लगभग एक दर्जन नए विधेयक सदन से पास होंगे।
राज्य सरकार की ओर से पिछले दिनों पांच अध्यादेश जारी किए गए थे, जिनको सदन से पास करवा कर विधेयक का रूप दिय़ा जाएगा। इसमें राजस्थान लोकायुक्त, उपलोकाय़ुक्त संशोधन अध्यादेश, राजस्थान मूल्य संवर्धित संशोधन अध्यादेश, राजस्थान स्टाम्प संशोधन अध्य़ादेश, जयपुर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड, संस्कृत विश्वविद्यालय संशोधन अध्यादेश को विधेयक के रूप में सदन से पास करवाया जाएगा लगभग एक दर्जन नए विधेयक सदन से पास होंगे।
कम से कम दस दिन चले सत्र
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष इस सत्र के दौरान किसान, रोजगार समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है। विपक्ष यह भी मांग करेगा कि सत्र को तीन दिन की जगह कम से कम दस दिन चलाया जाए। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि किसान कर्जा माफी, किसान आत्महत्या पर सरकार को श्वेत पत्र लेकर आना चाहिए। अन्यथा मुख्यमंत्री को सदन में ही इस्तीफा दे देना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष इस सत्र के दौरान किसान, रोजगार समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेर सकता है। विपक्ष यह भी मांग करेगा कि सत्र को तीन दिन की जगह कम से कम दस दिन चलाया जाए। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने कहा कि किसान कर्जा माफी, किसान आत्महत्या पर सरकार को श्वेत पत्र लेकर आना चाहिए। अन्यथा मुख्यमंत्री को सदन में ही इस्तीफा दे देना चाहिए।