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जयपुर

विधानसभा में ये कैसा संयोग, फिर 200 से कम रह गए विधायक

राजस्थान विधानसभा में विधायकों के कम होने का क्रम जारी है। पूर्व संसदीय सचिव और वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र शक्तावत की निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 196 रह गई है। ऐसे में विधानसभा में 200 से कम विधायकों के रहने अजीब संयोग बरकरार है।

जयपुरJan 20, 2021 / 09:13 pm

Umesh Sharma

विधानसभा में ये कैसा संयोग, फिर 200 से कम रह गए विधायक

विधानसभा में ये कैसा संयोग, फिर 200 से कम रह गए विधायक

जयपुर।

राजस्थान विधानसभा में विधायकों के कम होने का क्रम जारी है। पूर्व संसदीय सचिव और वल्लभनगर से कांग्रेस विधायक गजेंद्र शक्तावत की निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की संख्या 196 रह गई है। ऐसे में विधानसभा में 200 से कम विधायकों के रहने अजीब संयोग बरकरार है।
पिछले साल 5 अक्टूबर को कैलाश त्रिवेदी का कोरोना के चलते निधन हुआ था। इसके बाद 16 नवंबर को मास्टर भंवरलाल मेघवाल और 30 नवंबर को भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी का निधन हो गया, लेकिन अब साल 2021 में कांग्रेस विधायक गजेंद्र शक्तावत का निधन राजस्थान विधान सभा के सदस्यों की संख्या घटाकर 200 से 196 कर गया है। ऐसे में तीन की बजाय 4 सीटों पर उप चुनाव होगा। किसी सीट के खाली होने पर उस पर अधिकतम 6 महीने में चुनाव कराना होता है। ऐसे में मार्च या अप्रेल तक इन सीटों पर चुनाव होने की संभावना है।
कांग्रेस के तीन विधायक

विधानसभा में विधायकों के निधन से चार सीटें खाली हुई हैं। इनमें तीन विधायक कांग्रेस के हैं। महज चार महीने से कम अंतराल में कांग्रेस ने अपने तीन विधायक खो दिए हैं। जिसकी वजह से विधायकों की संख्या 107 से घटकर 104 रह गई है। वर्तमान में दोनों ही पार्टियां उप चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं।
एक साथ नहीं बैठे 200 विधायक

राजस्थान विधानसभा के वर्तमान भवन का संचालन का काम 2001 से शुरू हुआ। तब से लगातार विधानसभा में यह बात प्रचलित है कि यहां 200 विधायक एक साथ नहीं बैठते हैं। नए विधानसभा भवन में शिफ्ट होने के साथ ही दो तत्कालीन विधायक भीमसेन चौधरी और भीखा भाई की मौत हुई। इसके बाद साल 2002 में कांग्रेस विधायक किशन मोटवानी और जगत सिंह दायमा का निधन हुआ। साल 2004 में गहलोत सरकार के तत्कालीन मंत्री रामसिंह विश्नोई, 2005 में विधायक अरुण सिंह, 2006 में नाथूराम अहारी का निधन हुआ। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में मुख्य सचेतक रहे कालूलाल गुर्जर विधानसभा में यज्ञ, हवन और गंगाजल से शुद्धिकरण की मांग भी कर चुके हैं।

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