निकायों के अधिकार छीन, भ्रष्टाचार को जन्म देने के लिए धारा जोड़ी – कटारिया
1959 के एक्ट में भी था सरकार को अधिकार, नए कानून में इसे पुन: जोड़ रहे – धारीवाल- राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित
जयपुर। विधानसभा में गुरुवार को राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित किया गया। विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि संशोधन करके सरकार निकायों के अधिकार छीन रही है। भ्रष्टाचार को जन्म देने के लिए धारा जोड़ी है। सरकार जब चाहेगी, तब निर्माण की अनुमति देगी, नहीं चाहेगी तो रोक देगी। इससे नगर पालिकाएं पंगु होंगी। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान को अलग रखकर सेक्टर प्लान और जोनल प्लान बनाने का संशोधन सरकार ने किया है। यह षड्यंत्र है, जिसमें मास्टर प्लान को खत्म करके बड़े-बड़े भूमाफियाओं के आधार पर जमीन को एक्वायर व डीएक्वायर करने का रास्ता निकाला है। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गुलाब कोठारी बनाम राज्य सरकार याचिका में कोर्ट ने 35 निर्देश दिए हैं, वह इसीलिए दिए गए हैं ताकि ग्रीन बेल्ट और पेराफेरी जोन में किसी प्रकार का निर्माण नहीं होगा। जोनल व सेक्टर प्लान बनाकर सरकार रास्ता निकालना चाहती है। इन संशोधनों के पीछे सरकार की मंशा ठीक नहीं है।
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पुराने एक्ट में भी थी यह धारा – धारीवाल
स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा किएक्ट में पांच संशोधन किए गए हैं। तीन संशोधन राज्य निर्वाचन आयोग को मजबूती देने के लिए किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान नगरपालिका एक्ट-1959 की धारा 171 में राज्य सरकार को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने का अधिकार था, जो 2009 तक लागू रहा। नगरपालिका एक्ट में 2009 में किए गए संशोधन में इस धारा को शामिल नहीं किया जा सका। संशोधन के माध्यम से राज्य सरकार को नगरीय निकायों के किसी क्षेत्र विशेष को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने का अधिकार मिल जाएगा। इससे पर्यटन एवं हेरिटेज जैसे महत्व को देखते हुए किसी शहर के क्षेत्र विशेष को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में यूनेस्को ने जयपुर शहर को वल्र्ड हेरिटेज साइट घोषित करते समय परकोटे क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने को कहा था। उन्होंने कहा कि अब जयपुर शहर के परकोटे क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाएगा। धारीवाल ने बताया कि जोनल डवलपमेंट प्लान के संबंध में जोधपुर हाई कोर्ट ने पहले जोनल प्लान और उसके बाद मास्टर प्लान बनाने का आदेश दिया था। एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में जोनल प्लाना बनाना जरूरी है। इससे कम जनसंख्या वाले नगरों में अनिवार्य नहीं है। आवश्यकता होने पर स्वयं स्थानीय निकाय जोनल प्लान बना सकता है।
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गुलाब कोठारी को धन्यवाद, सरकार में नहीं फिर भी प्रदेश की चिंता की
चर्चा के दौरान भाजपा विधायक ज्ञानचंद पारख ने राजस्थान पत्रिका के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे सरकार में नहीं हैं, फिर भी राजस्थान के शहरों की चिंता की। हमने मनमाने तरीके से खुद अपने शहरों को उजाड़ा। ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने, प्रदूषण बढऩे में हमारा ही दोष था। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने गुलाब कोठारी की याचिका पर जो आदेश दिए हैं, वे लागू रहने चाहिए। नए संशोधनों से उन पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।
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किसका ध्वनि विस्तारक बंद करवाना-किसका नहीं, चलती अधिकारियों की मनमर्जी
आरएलपी के विधायक नारायण बेनीवाल ने कहा कि ध्वनि विस्तारक बंद करवाने के मामले में अधिकारियों की मनमर्जी चलती है। हाल ही में सदन में राजस्थान पत्रिका परिसर के मामले को लेकर चर्चा हुई। रात्रि में किसका ध्वनि विस्तारक बंद करवाना है, किसका नहीं कराना है, किसका लेट तक चलवाना है और किस पर जुर्माना करना है, यह काम अधिकारी-कर्मचारी अपनी मनमर्जी से करते हैं। रात 10 बजे बाद ध्वनि विस्तारक नहीं बजे, इसके लिए कर्मचारियों को उत्तरदायी बनाने की जरुरत है।
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