भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपने राजस्थान प्रवास के दौरान सभी को एकजुट होकर संगठन को मजबूत करने का संदेश दिया था। बिड़ला आॅडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में भी नड्डा ने सभी नेताओं के हाथ उठाकर एकजुटता का संदेश दिया। मगर उसका कोई खास असर नजर नहीं आया। पार्टी में निरंतर बयानबाजी का दौर जारी रहा। ऐसे में अरुण सिंह की बयानवीरों को दी गई नसीहत से भी कोई खास असर नहीं पड़ने वाला है।
अब तक दूरी, सिंह आए तो दिखे नेता संगठन की कई बैठकों से भाजपा के कई नेता नदारद नजर आ रहे थे। यही नहीं पिछले दिनों महापौर सौम्या गुर्जर के निलंबन पर हुए विरोध—प्रदर्शन में भी विधायक और विधायक प्रत्याशी नदारद रहे, लेकिन सिंह के जयपुर दौरे पर ये नेता सक्रिय रहे। विधायक कालीचरण सराफ, नरपत सिंह राजवी, अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक राजपाल सिंह शेखावत, अशोक परनामी, कैलाश वर्मा, मोहन लाल गुप्ता, सुरेंद्र पारीक सरीखे नेता भी नजर आए। जबकि सभी नेता इन दिनों लगातार संगठन के निर्देशों पर अमल नही कर रहे थे। जिसे लेकर तीनों विधायकों से संगठन महामंत्री ने भाजपा मुख्यालय पर चर्चा भी की थी।
खेमेबाजी बढ़ने की उम्मीद प्रभारी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से संगठन में खेमेबाजी बढ़ने की उम्मीद है। वसुंधरा राजे खेमे के नेता लगातार मुखर हो रहे हैं। वहीं प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उनकी टीम के नेता भी लगातार बयानों पर पलटवार कर रहे हैं। अब यह तकरार और बढ़ सकती है।