यह प्लान प्रदेश की सभी 200 सीटों के लिए तैयार किया गया है, लेकिन मुख्य रूप से यह विस्तारक उन सीटों पर ज्यादा काम करेंगे, जो एससी-एसटी बहुल है। एसटी से ज्यादा जोर भाजपा का एससी पर है, क्यों कि प्रदेश की चार हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में एससी के अच्छे खासे वोटर हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक एससी वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए पार्टी ने 2064 अल्पकालीन विस्तारक तैयार किए हैं। यह विस्तारक 4100 ग्राम पंचायतों में भाजपा के लिए काम करेंगे। इसी तरह 70 विधानसभा क्षेत्रों में काम करने के लिए एसटी के 645 विस्तारक बनाए गए हैं।
2013 के चुनाव में भाजपा को मिला था बम्पर समर्थन एससी बहुल सीटें- भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनावों में एससी-एसटी का पूरा समर्थन मिला था। एससी की 34 सीटों में से 32 सीटें भाजपा के खाते में गई थी, जबकि कांग्रेस मात्र एक सीट ही जीत पार्ई थी। एक सीट अन्य दल के खाते में चली गई थी। वहीं, 2008 में कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले ज्यादा सीटें मिली थी। इस चुनाव में कांग्रेस को एससी की 17 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा के खाते में 14 सीटें गई थी। तीन अन्य सीटों पर अन्य दल और निर्दलीय जीते थे।
एसटी बहुल सीटें- 2013 के चुनाव में भाजपा ने 25 एसटी के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों में से 19 पर कब्जा जमाया था, जबकि कांग्रेस को चार सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। दो सीटों पर अन्य दलों ने कब्जा जमाया था। इन दो में से एक सीट पर किरोड़ी लाल मीणा जीते थे, जो अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं, 2008 में इन सीटों का समीकरण बिल्कुल उलट था। कांग्रेस को 25 में से 16 सीटें मिली थी। भाजपा के खाते में मात्र दो ही सीटें गई थी। सात सीटों पर अन्य दलों और निर्दलीयों ने कब्जा जमाया था।
ये काम होगा भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी महेन्द्रा के मुताबिक एक विस्तारक को दो-दो एससी बहुल गांवों की जिम्मेदारी दी गई है। यह विस्तारक उस गांव के एससी वोटरों की सूची बनाएंगे। प्रमुख लोगों से सम्पर्क करेंगे। प्रमुख मंदिरों की सूची बनाएंगे। एससी के नवमतदाताओं से सम्पर्क करेंगे। भाजपा की कोशिश रहेगी कि चुनाव में एससी के कम से कम 65 प्रतिशत वोट पड़ें।
भाजपा एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी महेन्द्रा के मुताबिक एक विस्तारक को दो-दो एससी बहुल गांवों की जिम्मेदारी दी गई है। यह विस्तारक उस गांव के एससी वोटरों की सूची बनाएंगे। प्रमुख लोगों से सम्पर्क करेंगे। प्रमुख मंदिरों की सूची बनाएंगे। एससी के नवमतदाताओं से सम्पर्क करेंगे। भाजपा की कोशिश रहेगी कि चुनाव में एससी के कम से कम 65 प्रतिशत वोट पड़ें।
इन सीटों पर है भाजपा की विशेष नजर एससी बहुल सीटें- अजमेर उत्तर, अलवर ग्रामीण, कठूमर, बारां-अटरू, चौहटन, वैर, बयाना, शाहपुरा (भीलवाड़ा ), खाजूवाला, केशोरायपाटन, कपासन, सूजानगढ़, सिकराय, बसेड़ी, रायसिंहनगर, अनूपगढ़, पीलीबंगा, दूदू, बगरू, चाकसू, जालोर, डग, पिलानी, भोपालगढ़, बिलाड़ा, हिंडौन, रामगंजमंडी, जायल, मेड़ता, सोजत, खंडार, धोद, रेवदर, निवाई।
एसटी बहुल सीटें- राजगढ़-लक्ष्मणगढ, घाटोल, गढ़ी, बांसवाड़ा, बागीदौरा, कुशलगढ़, किशनगंज, लालसोट, डूंगरपुर, आसपुर, सागवाड़ा, चौरासी, जमवारामगढ़, बस्सी, टोडाभीम, सपोटरा, बामनवास, पिंडवाड़ा-आबू, गोगुंदा, झाड़ोल, खेरवाड़ा, उदयपुर ग्रामीण, सलूम्बर, धरियावद, प्रतापगढ़।