उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना हमारी भामाशा और केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का ही बदला हुआ स्वरूप है। हमने किसानों के बिजली के बिल माफ किए। किसानों को समर्पित हमारी इसा योजना को इस सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन जब किसानों ने विरोध तो बजट में शामिल करना पड़ा। जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तो केंद्र सरकार की है। इनको भी बजट में सरकार ने अपनी तरफ से पेश कर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास किया है। किसानों की कर्जामाफी, बेरोजगारों के लिए नई भर्तियों और संविदा कर्मियों के लिए कोई ना कोई घोषणा करेगी, पर ऐसा न करके सरकार ने जता दिया कि वादे हैं वादों का क्या ?
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली योजना ईआरसीपी और भामाशाह स्टेट डेटा सेंटर की मुख्यमंत्री ने तारीफ की है। चलो देर आयद दुरुस्त आयद। योजनाओं की प्रशंसा करना अच्छी परंपरा है। पर जनता जानती है कि दो साल त क इन योजनाओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। यदि पहले ही इन पर ध्यान दिया होता तो समय पर जनता को ज्यादा लाभ मिल जाता। उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि पेट्रोल-डीजल से वैट घटाकर सरकार जनता को बजट में राहत देगी।