scriptधर्मस्थल बंद करें तो मंजूर लेकिन वीकेंड लॉकडाउन ठीक नहीं, सीएम की वीसी में बोले विभिन्न संगठन | Rajasthan cm ashok gehlot vc for corona lock down temple news | Patrika News
जयपुर

धर्मस्थल बंद करें तो मंजूर लेकिन वीकेंड लॉकडाउन ठीक नहीं, सीएम की वीसी में बोले विभिन्न संगठन

मुख्यमंत्री ने कोरोना बचाव को लेकर राजनीतिक दलों, धर्म गुरुओं सहित विभिन संगठनों व वर्गों के मत जाने, भाजपा ने कहा: कोरोना की लड़ाई में पार्टी सरकार के साथ- व्यापारियों ने कहा: वीकेंड लॉकडाउन ठीक नहीं, मंदिर महंत बोले : धर्मस्थल बंद करें, तो हमें सरकार का ये फैसला भी मंजूर, दरगाह प्रतिनिधि ने कहा : संख्या तय कर दें, लेकिन रमजान में खुली रहे दरगाह

जयपुरApr 14, 2021 / 09:39 pm

pushpendra shekhawat

a4.jpg
समीर शर्मा / जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना बचाव के उपायों को लेकर बुधवार को विभिन्न राजनीतिक दल व जनप्रतिनिधियों, धर्म गुरू, सामाजिक, कर्मचारी व व्यापारिक संगठनों एवं अन्य वर्गों से सुझाव लिए। मंदिर महंतों ने कहा कि भीड़-भाड़ से बचना सर्वोत्तम उपाय है और यदि सरकार धर्मस्थल बंद करें, तो हम इस फैसले को भी मानने को तैयार हैं।
वहीं, अजमेर दरगाह सहित अन्य प्रतिनिधियों ने आग्रह किया कि रमजान के पवित्र महीने में ख्वाजा की दरगाह खुली रखी जाए। भले ही मंदिर-मस्जिद में आने वालों की हम संख्या तय कर सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया एवं उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में पार्टी सरकार के साथ खड़ी रहेगी।
वहीं, व्यापारिक संगठनों ने कहा कि अन्य राज्यों की तरह वीकेंड लॉकडाउन (शनिवार-रविवार) का फैसला लिया गया, तो ये ठीक नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री निवास से वीसी के जरिए सभी से सुझाव लिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं स्थगित करने एवं 8वीं, 9वीं एवं 11वीं के विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट करने का सुझाव दिया था। इस पर सरकार ने शाम को फैसला कर दिया। अधिकांश ने कोरोना नियंत्रण के लिए सरकार को सख्ती बढ़ाने के सुझाव दिए।
रामनवमी-आखातीज पर सैंकड़ों शादियां
मोती डूंगरी गणेशजी के कैलाश महंत, गोविंददेवजी के प्रबंधक मानस गोस्वामी ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर धर्मस्थल बंद भी करें तो हम मानने को तैयार हैं। राजस्थान में रामनवमी और आखातीज पर ढाई लाख के करीब शादियां होंगी। इनसे कोरोना फैलने का खतरा है। जब तक सख्ती नहीं होगी, तब तक कोरोना पर नियंत्रण नहीं होगा। सिख समाज के प्रतिनिधि अजयपाल सिंह और जैन समाज के प्रतिनिधियों ने भी कहा कि सरकार जो भी फैसला करेगी, हम साथ देंगे।
दूसरी लहर का तुलनात्मक अध्यन करें

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संक्रमण के भयावह दौर से मुकाबले के लिए सभी के सहयोग की जरूरत प्रतिदिन लगभग 6 हजार पॉजिटिव केस आने तथा केवल अप्रेल माह में ही 161 से अधिक मौतों से स्पष्ट है कि संक्रमण का यह दौर भयावह है। चिकित्सकों को कोरोना की पहली और दूसरी लहर में संक्रात्मकता, रोग की गंभीरता और मौतों का तुलनात्मक अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं। इससे गंभीरता के आकलन और प्रंबधन के लिए रणनीति बनाई जा सकेगी। इस बार ग्रामीण क्षेत्र और युवा आबादी भी संक्रमण की शिकार हो रही है। इस महामारी से जूझने की बड़ी जिम्मेदारी हम सब को मिल कर निभानी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो