script..फिर शिक्षा पर उठे सवाल,राजस्थान के इन कॉलेजों में आखिर 50 स्टूडेंट्स पर एक ही टीचर क्यों? | Rajasthan college has just one teacher for 50 students | Patrika News
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..फिर शिक्षा पर उठे सवाल,राजस्थान के इन कॉलेजों में आखिर 50 स्टूडेंट्स पर एक ही टीचर क्यों?

..फिर शिक्षा पर उठे सवाल,राजस्थान के इन कॉलेजों में आखिर 50 स्टूडेंट्स पर एक ही टीचर क्यों?
 
 

जयपुरJun 25, 2018 / 10:53 am

rajesh walia

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जयपुर

नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालय नियमित शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। 12वीं के परिणाम आने के साथ ही अब अभिभावक अपने बच्चों को विश्वविद्यालय में दाखिला दिलाने की भागदौड़ में है। इन विश्वविद्यालयों में बच्चे भले ही कितने ही आएं, पढ़ाने वाले गुरुजी की संख्या बेहद सीमित हैं। नियमानुसार उच्च शिक्षा में 20 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए। लेकिन प्रदेश के विश्वविद्यालयों में एक शिक्षक पर छात्रों का अनुपात 50 से भी अधिक है। यानि प्रदेश का एक भी विश्वविद्यालय इन मानदंडों को पूरे करने की हैसियत में नहीं है।
उच्च शिक्षा की ऐसी हालत, 50 शिष्यों पर सिर्फ एक गुरु

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आरयू में संकायवार शिक्षक-छात्र अनुपात
फैकल्टी शिक्षक छात्र अनुपात
विज्ञान 260 5968 23-1
वाणिज्य 50 7533 150-1
कला 190 8121 43-1
विधि 21 2555 121-1
प्रबंधन 5 258 52-1
(विवि में शिक्षक भर्ती प्रक्रियाधीन है।)
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प्रदेश के विवि में छात्र-शिक्षक अनुपात
विवि शिक्षक छात्र अनुपात
राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर 450 24500 55-1
मोहन लाल सुखाडिय़ा विवि, उदयपुर 165 12500 76-1
कोटा विवि, कोटा 23 1200 53-1
जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विवि 24 1000 42-1
जयनारायण व्यास विवि, जोधपुर 320 21000 66-1
महर्षि दयानंद सरस्वती विवि, अजमेर 18 1251 70-1
महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी 16 600 38-1
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सबसे बड़ा विवि: अनुपात 52 पर 1
राजस्थान विवि. में साल दर साल शिक्षकों के रिटायर होने से छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ता जा रहा है। विश्वविद्यालय में 500 शिक्षकों पर 26000 हजार विद्यार्थी हैं। ऐसे में 52 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक है। वहीं नए सत्र 2018-19 में 30 और शिक्षक सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
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